शहर के व्यापारियों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन से कदम पूरी तरह पीछे खींच लिए हैं। शनिवार को भी शहर के बाजार पूरी तरह खुले रहेंगे और रविवार को भी सभी बाजार बंद नहीं रहेंगे। शुक्रवार को शहर के तमाम व्यापारिक संगठनों और बाजारों के पदाधिकारियों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन समाप्त करने की सूचना सदस्य व्यापारियों को भेज दी। व्यापारियों ने कह दिया है कि जब ट्रेन-बस से लेकर हर गतिविधि सामान्य रूप से शुरू हो चुकी है तो दुकानें बंद रखने का औचित्य ही नहीं बचा।
बीते महीने कलेक्टर मनीष सिंह के साथ व्यापारियों ने बैठक में शनिवार-रविवार को स्वैच्छा से दुकानें बंद करने का संकल्प लिया था। कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम करना बाजार बंद करने का उद्देश्य था। बीते शनिवार को ही पहला स्वैच्छिक लॉकडाउन हुआ। इंदौर और सांवेर में जब बड़े राजनीतिक आयोजन होते दिखे तो कई व्यापारी पहले ही स्वैच्छिक लॉकडाउन से बाहर हो गए। इसी बीच शहर में धर्मस्थलों से लेकर अन्य तमाम व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू करने की अनुमति दे दी गई। ऐसे में इस शनिवार को स्वैच्छिक लॉकडाउन करने पर सवाल खड़े हुए। एक-एक कर सभी व्यापारी एसोसिएशनों ने घोषणा कर दी कि स्वैच्छिक लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं रहा। पहले स्वैच्छिक लॉकडाउन का पालन करने वाला सियागंज थोक किराना बाजार से लेकर लोहा मंडी व अन्य सभी बाजारों में इस बारे में निर्णय ले लिया गया।
व्यापारी के नुकसान से कोई लाभ नहीं
हमने दुकानें खोलने या बंद करने जैसा कोई निर्देश अपनी ओर से नहीं दिया। व्यापारियों ने सोच लिया, जब देश पूरी तरह अनलॉक हो चुका है, भीड़ भरी जगहें भी खोल दी गई हैं ऐसे में दुकानें खुली या बंद रखने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। तो व्यापारी अपने व्यापार का नुकसान क्यों करें? - रमेश खंडेलवाल, अध्यक्ष अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
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