जिस किसान को फसल बीमा का कम क्लेम मिला या सैकड़ों-हजारों रुपये का प्रीमियम जमा करने के बाद दो-चार रुपये जैसी रकम का क्लेम (दावा भुगतान) देकर किसान के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई गई हो, ऐसे किसानों का पक्ष राज्य सरकार खुद बीमा कंपनी के सामने रखकर उन्हें पूरा लाभ दिलाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बुलाई गई बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री शनिवार को मंत्रालय में प्रदेश के किसानों को बीमा कंपनियों से प्राप्त दावा राशि के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक ले रहे थे। गौरतलब है कि सबसे पहले विदिशा के किसान हमीद खान को क्लेम में मिले चार रुपये का मुद्दा उठाया था। इसके बाद सरकार ने न्यूनतम राशि तय करने का नियम बनाने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर किसान को फसल बीमा कंपनियों से पूरा न्याय दिलाया जाएगा। प्रदेश के ऐसे किसान, जिन्हें फसल बीमा दावा राशि नहीं मिली है अथवा कम मिली है, उन सबका पक्ष बीमा कंपनियों के सामने सरकार मजबूती से रखेगी तथा आवश्यकता पड़ने पर इस संबंध में भारत सरकार से बातचीत भी की जाएगी। प्रत्येक किसान को बीमित फसल की पूरी दावा राशि दिलाई जाएगी। इसके साथ ही प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को शीघ्र ही राहत राशि भी दिलवाई जाएगी।
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