नरसिंहपुर के रिछाई गांव के चीचली थाने में जब गैंगरैप की पीड़िता की रिपोर्ट पुलिस ने नहीं लिखी तो पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दरअसल, पीड़िता और उसके पति का आरोप था कि पड़ोस में रहने वाले 3 लोगों ने पत्नी का गैंगरेप किया है.
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के हाथरस की गैंगरेप की घटना पर पुलिस कार्रवाई सवालों के घेरे में है तो वहीं मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसके बाद पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
नरसिंहपुर के रिछाई गांव के चीचली थाने में जब गैंगरैप की पीड़िता की रिपोर्ट पुलिस ने नहीं लिखी तो पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दरअसल, पीड़िता और उसके पति का आरोप था कि पड़ोस में रहने वाले 3 लोगों ने पत्नी का गैंगरेप किया है.
पीड़ित परिवार पुलिस चौकी से लेकर थाने तक के चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसकी फरियाद नहीं सुनी गई. पीड़ित परिवार ने गोटिटोरिया चौकी और चीचली थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता और परिजन चीचली थाने पहुंचे तो चीचली के थाना प्रभारी ने शिकायत लिखने की बजाए उल्टा फरियादी को ही अपशब्द कहकर थाने में घंटों बैठाकर रखा और फरियादी से पैसे भी मांगे तब छोड़ा. इस घटनाक्रम से पीड़िता बहुत व्यथित हो गई और आखिरकार उसने मौत को गले लगा लिया.
दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
हाथरस की घटना को लेकर जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है, उससे सबक लेते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवार के आरोपों पर तुरंत संज्ञान लेते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी है. चीचली थाने के एसआई एमएन कुरपे को निलंबित कर दिया गया है.
खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर संज्ञान लेते हुए एफआईआर नहीं लिखने वाले थाना प्रभारी के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं और तत्काल प्रभाव से एडिशनल एसपी, एसडीओपी को भी हटाने के निर्देश दिए हैं. वहीं एसपी से पूरी घटना पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
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