पापांकुशा एकादशी तिथि: पापांकुशा एकादशी आज मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में पड़ने वाली कई एकादशी तिथियों में पापांकुशा एकादशी का काफी महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त आज सच्चे ह्रदय से भगवान विष्णु की आराधना करेंगे उनके समस्त पापों का नाश होगा.पापांकुशा एकादशी में भक्त भगवान विष्णु के स्वरुप भगवान पद्मनाभ की पूजा अर्चना करेंगे. आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी का शुभ मुहूर्त और महत्व...
पापांकुशा एकादशी का महत्व:
पौराणिक ग्रंथ महाभारत में इस बात का उल्लेख मिलता है कि एक बार भगवान कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को पापांकुशा एकादशी की महिमा बताते हुए कहा था कि ये व्रत सभी पापों को काटने वाला है. माना जाता है कि यदि कोई जातक पापांकुशा एकादशी का व्रत करता है तो उसे कई अश्वमेघ यज्ञों और सूर्य यज्ञ करने के सामान फल की प्राप्ति होती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार पापांकुशा एकादशी व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है.
पापांकुशा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त:
एकादशी तिथि आरंभ- 26 अक्तूबर 2020 सुबह 09:00 बजे
एकादशी तिथि समापन- 27 अक्तूबर 2020 सुबह 10:46 बजे
व्रत पारण समय और तिथि- 28 अक्तूबर 2020 सुबह 06:30 बजे से लेकर सुबह 08:44 बजे तक
द्वादशी तिथि के दिन पारण मुहूर्त: 28 अक्तूबर 12:54 PM
तपस्या के सामान होती है फल की प्राप्ति:
पापांकुशा एकादशी के व्रत को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है. पौराणिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से तपस्या करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने वाला जातक सभी सुखों और धन को भोगता हुआ मोक्ष को प्राप्त होता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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