जिले में उद्यानिकी फसल किसानों के लिए फायदे का सौदा बनने लगी है। लटेरी तहसील के ग्राम शाहरखेड़ा के किसान मुन्नीलाल धाकड़ ने 5 महीने पहले एक बीघा में अदरक की फसल लगाई है। जिस पर उसे 42 हजार रुपये खर्च आया। कुछ दिन पहले एक व्यापारी ने खड़ी फसल 1 लाख 20 हजार रुपये में खरीदने की इच्छा जताई लेकिन मुन्नीलाल ने फसल बेचने से इनकार कर दिया। उसका कहना है कि पैदावार काफी अच्छी है। उसे बाजार में इससे भी अधिक भाव मिल जाएंगे।
मुन्नीलाल ने बताया कि वह पिछले चार साल से कम रकबे में अदरक लगाता था।इस बार करीब 1 बीघा में अदरक की फसल लगाई है।जिस पर 5 क्विंटल बीज का खर्च 35 हजार रुपये ओर फंगस की दवा का खर्च 7 हजार रुपये आया है। इस फसल पर कुल 42 हजार रुपये की लागत आई है। पिछले दिनों मुरवास के एक व्यापारी ने खड़ी फसल की 1 लाख 20 हजार रुपये कीमत लगाई थी।
मुन्नीलाल का कहना है कि एक बीघा में उसे 40 क्विंटल अदरक होने की उम्मीद है। अभी थोक में अदरक का भाव 4 हजार रुपये क्विंटल है। यदि वह खुद ही अदरक निकालकर बाजार में बेचेगा तो उसे 1 लाख 60 हजार रुपये मिलेंगे। इसलिए उसने खड़ी फसल का सौदा करने से इनकार कर दिया।
उसका कहना था कि अदरक की फसल से 4 गुना मुनाफा मिलने से वह काफी खुश है। अच्छा मुनाफा देख गांव के अन्य किसान भी अब अदरक की खेती करने लगे है। मुन्नीलाल ने बताया कि वे अपने बेटे बाबूलाल के साथ मिलकर खेती करते है। उनके पास कुल 10 बीघा जमीन है। जिस पर 9 बीघा में वे गेहूं, चना और सोयाबीन लगाते है। धीरे धीरे वे पूरी जमीन पर अदरक सहित अन्य उद्यानिकी फसलें ही लगाएंगे।
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