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उज्जैन शहर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों स्पिरिट में पानी मिलाकर ऐसे तैयार करते थे जहरीली शराब


उज्जैन । शहर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों की जांच के लिए शासन द्वारा बनाए गई एसआइटी (विशेष जांच दल) ने शुक्रवार सुबह जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि स्प्रिट में पानी मिलाकर जहरीली शराब तैयार की जाती थी। इसे बनाने वालों ने फॉर्मूला तैयार कर रखा था। वे 400 मिली स्प्रिट में 1600 मिली (डेढ़ लीटर से अधिक) पानी मिलाकर दो लीटर शराब तैयार कर लेते थे।


मजदूरों और भिक्षुकों को यही शराब जिंजर, पोटली के नाम से बेची जाती थी। मात्रा के अनुसार इसकी कीमत 20, 30 और 50 रुपयों तक होती थी। बता दें कि शहर में जहरीली शराब पीने से दो दिनों में 14 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि प्रशासन ने अभी तक 12 की ही पुष्टि की है। जांच के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर एसआइटी गठित की गई है। एसआइटी में शामिल अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसके झा एवं रतलाम रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक सुशांत सक्सेना शुक्रवार सुबह उज्जैन पहुंचे। उनके साथ कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी मनोज सिंह सहित अन्य स्थानीय अधिकारी मौजूद थे।








जांच दल ने छत्रीचौक, खाराकुआं थाना, रैन बसेरों आदि का निरीक्षण किया और अधिकारियों से भी सभी जरूरी जानकारियां लीं। सीसीटीवी नहीं, आएगी परेशानी अधिकारियों का दल नगर निगम के पुराने कार्यालय में भी पहुंचा। इस कार्यालय का अधिकांश हिस्सा जर्जर हो चुका है। यहीं पर जहरीली शराब बनाई जाती थी। दल को यहां से स्प्रिट की एक खाली बोतल भी मिली।


डॉ. राजौरा ने पूछा कि क्या यहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। कलेक्टर ने बताया कि नहीं लगे हैं। इस पर एडीजी झा ने एसपी सिंह से कहा कि जो लोग यहां जहरीली शराब बनाते थे, उनकी पुष्टि करने में परेशान आएगी। संदिग्ध स्प्रिट की बिक्री पर रोक के निर्देश जांच दल ने स्थानीय अधिकारियों से कहा कि यह पता करना चाहिए कि स्प्रिट कहां से लाई जाती थी, जिले में कितनी खपत हो रही है।








निगम के पुराने कार्यालय से मिली स्प्रिट की बोतल का बैच नंबर भी नोट किया गया। जांच दल ने अधिकारियों से कहा कि इस बैच नंबर की स्प्रिट की बिक्री पर रोक लगाएं। संभव है कि इस बैच की स्प्रिट खराब किस्म की हो। यह भी पता चला है कि इस बैच नंबर की स्प्रिट इंदौर के आरएनटी मार्ग स्थिति एक डिस्ट्रिब्यूटर द्वारा बेची गई है।


अधिकारियों से पूछे कई सवाल


एसआइटी खाराकुआं थाने में भी पहुंची। यहां उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से कई सवाल पूछे। मसलन मौतों की सूचना कब-कब मिली, कैसे पता चला कि शराब पीने से मौत हुई है, शिनाख्त कैसे की, बीते तीन सालों में खाराकुआं और आसपास के थाना क्षेत्रों में अवैध शराब के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं, आरोपितों का क्या रिकॉर्ड है आदि।




एएसपी रूपेश द्विवेदी, सीएसपी रजनीश कश्यप और एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी एसआइटी के सवालों के जवाब दिए। एसआइटी 17 अक्टूबर को भी मामले की जांच करेगी। इसके बाद रिपोर्ट शासन की दी जाएगी। सिकंदर, गब्बर की तलाश में टीमें, नौकरी से हटाया इस मामले में मुख्य आरोपित सिकंदर पिता हमीद, युनूस और गब्बर को मुख्य आरोपित बनाया गया है। इन पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही रासुका की भी कार्रवाई की जा रही है।




 


आरोपितों में से युनूस की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं सिकंदर और गब्बर पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है। पुलिस की कई टीमें दोनों की तलाश में लगी हुई हैं। बता दें कि सिकंदर और गब्बर नगर निगम में अस्थायी कर्मचारी हैं। शुक्रवार को दोनों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।


इधर, जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद जिले में बड़ी कार्रवाई भी हुई। अवैध शराब से जुड़े 104 प्रकरण दर्ज कर 100 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की गई है। आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त के निलंबन का प्रस्ताव, दो निलंबित मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त सीके साहू को निलंबित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।




 


इसके अलावा विभाग की निरीक्षक सुनीता मालवीय और आरक्षक राहुल को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि गुरुवार को खाराकुआं थाना प्रभारी, एसआइ सहित चार पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। निगम के कुछ अधिकारी और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।


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