छात्रों को प्रबंधन की शिक्षा देने वाले आईआईएम इंदौर ने अपने लिए रसायनमुक्त सब्जियों के प्रबंधन का अनूठा तरीका निकाला है। बाजार से खरीदने की बजाए संस्थान अब खुद ही ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियां उगाएगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है। निदेशक आवास के किचन गार्डन सहित परिसर में 25 हजार वर्ग फीट जमीन पर पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर सब्जियां लगाई जा चुकी हैं।
दरअसल खाद्यान्नों में बढ़ते हुए हानिकारक रसायनों के उपयोग को देखते हुए आईआईएम, पूरे कैंपस को आर्गेनिक बनाने की तैयारी कर रहा है। सब्जियां उगाने के साथ इसकी शुरुआत निदेशक आवास के किचन गार्डन से हुई।
निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने बताया, हमने ऑर्गेनिक कैंपस बनाने के उद्देश्य से संस्थान में ही फल, सब्जियों के साथ औषधीय पौधे लगाए हैं। आने वाले समय में ज्यादा क्षेत्र में सब्जियां लगाई जाएंगी। फलों और सब्जियों के साथ ही यहाँ औषधीय पौधे भी हैं। हमने संस्थान के कार्यक्रमों में बतौर अतिथि आने वालों को तोहफे के रूप में पौधे देने की प्रथा शुरू की है।
पपीता, केला, अमरूद और मौसंबी भी लगाए
सब्जियों का उत्पादन बढ़ने पर इन्हें होस्टल मैस और आईआईएम के किचन में उपलब्ध कराया जाएगा ताकि छात्रों और कर्मचारियों को रसायन मुक्त सब्जियां मिल सकें। परिसर में फिलहाल लगभग 25 हजार वर्ग फीट जमीन में लगाई गई सब्जियों में गोबी, टमाटर, मिर्ची, बैंगन, आंवला और धनिया शामिल हैं। फलों में पपीता, केला, नींबू,अमरूद, सीताफल और मौसंबी आदि के पौधे लगाए गए हैं। स्पिरिचुअल गार्डन में तुलसी,ब्राह्मी,अर्जुन,सतावर और अपराजिता लगाए गए हैं।
बचे भोजन से बनाते हैं खाद
पौधों के लिए ऑर्गेनिक खाद भी आईआईएम खुद तैयार कर रहा है। मैस के बचे हुए भोजन से मशीन द्वारा खाद तैयार की जाती है। आईआईएम अपने कैंपस में प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग प्रतिबंधित कर चुका है। कुछ समय पहले छात्रों ने एक प्रोजेक्ट के रूप में संस्थान में पानी की खपत को भी कम किया था। इसके लिए उन्होंने मैस में लगी नल की टोंटियों में अतिरिक्त उपकरण लगाकर तीन चौथाई खपत कम की थी।
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