एरोड्रम थाना क्षेत्र स्थित एक घर में घुसकर तलवार दिखाने, मारपीट करने के मामले में गिरफ्तार किए गए कम्प्यूटर बाबा को बुधवार शाम जमानत मिल गई। 10 दिन से जेल में बंद बाबा के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया। पूर्व में बाबा को धारा 151 और जातिसूचक शब्द कहे जाने के मामले में भी जमानत मिल चुकी है। हालांकि, बुधवार को कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ गांधी नगर पुलिस ने भी एक ओर केस दर्ज किया है। मामले में 2 माह पुरानी शिकायत को आधार बनाकर ये केस दर्ज किया गया है। बाबा पर कार्रवाई के बाद ये तीसरा केस दर्ज हुआ है।
बाबा की ओर से अधिवक्ता रवींद्रसिंह छाबड़ा ने जमानत अर्जी दायर की थी। इसमें उल्लेख किया एरोड्रम पुलिस का केस पूरी तरह फर्जी है। पुलिस ने एक से डेढ़ महीने घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप बाबा पर लगाते हुए केस दर्ज कराया। जबकि इस अवधि में बाबा लोकतंत्र बचाओ यात्रा पर निकले थे। घटना के डेढ़ महीने बाद फरियादी ने आवेदन किया और पुलिस ने बगैर जांच किए केस दर्ज कर लिया।
पुलिस ने फरियादी का मेडिकल चेकअप तक नहीं कराया जो इस तरह का केस दर्ज करने से पहले बहुत जरूरी होता है। पुलिस के पास इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि बाबा उस घर पर गए और मारपीट भी की। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद बाबा को जमानत देना तय किया। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बाबा की जमानत अर्जी मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दी थी। इस पर सेशन कोर्ट में अपील की गई थी। बुधवार शाम को कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश जारी किए।
जैन तीर्थ का गेट बनाने की बात पर कम्प्यूटर बाबा ने कर्मचारी से की थी मारपीट
उधर, कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ गांधी नगर पुलिस ने भी एक ओर केस दर्ज किया है। मामले में 2 माह पुरानी शिकायत को आधार बनाकर ये केस दर्ज किया गया है। गांधी नगर टीआई अनिल सिंह चौहान ने बताया कि दो माह पूर्व सुभाष पिता बाबूलाल दयाल निवासी नगीन नगर ने कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने, मारपीट व धक्का-मुक्की किए जाने की शिकायत की थी। उसने बताया कि गोम्मट गिरी पर जैन तीर्थ का गेट बनाने की बात पर बाबा ने उसे धमकाया था। फिर धक्का-मुक्की कर जान से मारने का बोलकर उस पर फर्शी लेकर भागे थे। मामले में बाबा के खिलाफ मारपीट और धमकाने की धारा में केस दर्ज किया गया है।
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