सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती संख्या कम होने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की आपत्ति के बाद शुक्रवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. संजय दीक्षित ने संबद्ध अस्पताल अधीक्षकों की बैठक ली।
उन्होंने प्रभारियों को निर्देश दिए कि पीक-टाइम में भर्ती रहे मरीजों के हिसाब से तैयार रहें। इस पर अस्पताल प्रभारियों ने मैन पॉवर की कमी की बात बताई। वे बोले- मरीजों को कैसे भर्ती करें, साबुन, क्लिनिकल मटेरियल तक नहीं है। स्टाफ की भी कमी बताई। डीन ने उसी समय सभी सामान उपलब्ध करवाने के लिए मंजूरी प्रदान की।
बैठक में लांड्री संबंधी समस्या भी बताई गई। उसका भी समाधान किया गया। सभी अस्पतालों के लिए नर्सिंग को-ऑर्डिनेटर बनाए जा रहे हैं। मालूम हो, पिछले दिनों जब कोरोना का कहर ज्यादा था तब सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में एक ही समय में अधिकतम 180, एमआर टीबी अस्पताल में 82 मरीज भर्ती थे। इस पर अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि तैयारी रखें।
पीपीई किट सहित अन्य संसाधन की कमी नहीं होना चाहिए। यदि किसी प्रकार की परेशानी हो तो अभी बताएं। सभी अस्पतालों की कुल आईसीयू बेड क्षमता 675 है। इनमें से 365 खाली हैं। हालांकि इनमें सरकारी अस्पताल के बेड की संख्या ज्यादा है। कुछ ऐसे भी अस्पताल हैं जो मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं।
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