- ईश्वर मूलत: राजस्थान का रहने वाला था,पिता ब्राह्मण समाज भवन में चौकीदार हैं
- जिम का बहुत शौक था, वह यहां एक जिम में ट्रेनिंग भी दिया करता था
रात साढ़े 12 बजे का समय, नाइट कर्फ्यू के कारण सूनी पड़ी सड़कें, बीआरटीएस पर सन्नाटे को चीरती हुई 150 से भी ज्यादा की स्पीड से दौड़ती एक कार... गीताभवन चौराहे के पहले एक जोरदार आवाज, कार के परखच्चे उड़ चुके थे। कार कर अगला हिस्सा समझ नहीं आ रहा था कि कार का है। वहीं, पिछला गेट घूमकर उलटा हो चुका था। कार दौड़ा रहा युवक स्टियरिंग में फंसा था, जबकि उसका सिर साइड विंडो से बाहर निकला था, सिर पर चोट आने से वह दम तोड़ चुका था। पीछे बैठा एक साथी गंभीर घायल था और उसका अंगूठा कट चुका था। जबकि दूसरा युवक बेसुध हालत में था, लेकिन उसे चोट नहीं के बराबर आई थी। यह दर्दनाक वाक्या है शुक्रवार आधी रात का।
पुलिस के अनुसार मृतक का नाम ईश्वर उर्फ बिट्टू सांखला निवासी राजवाड़ा है। ईश्वर अपने जिम के दो दोस्त गोकुल राठौर निवासी राजनगर औऱ अश्विन सिंह निवासी स्कीम नंबर 51 के साथ कार से निकला।गीता भवन की ओर जा रहे थे। कार ईश्वर चला रहा था। रात्रि की पाबंदी के कारण पूरे बीरआरटीएस पर सन्नाटा पसरा था। इसी को देखते हुए ईश्वर ने कार को आई बस लेन में दौड़ा दी और स्पीड वाले कांटे को 150 के पास पहुंचा दिया। वह साइड में चल रही एक दूसरी कार को ओवर टेक कर रहा था। गीताभवन चौराहे के पहले अचानक आए गति अवरोध के कारण तेजी से दौड़ रही कार उछल गई। कार के उछलते ही ईश्वर के हाथ से बैलेंस भी छूट गया और पलभर में कार बीआरटीएस की रेलिंग को तोड़ती हुई आगे बढ़ रही थी। करीब 50 फीट तक रेलिंग को तोड़कर कार दूसरे लेन में पहुंच चुकी थी।
दर्दनाक था मंजर
टक्कर की आवाज सुन वहां से गुजर रहे इक्का-दुक्का लोग कार की ओर दौड़े। कार का अगल हिस्सा बुरी तरह से पिचका हुआ था। बॉडी के परखच्चे उड़ चुके थे। पिछला गेट भी टूटकर उलटा हो चुका था। ईश्वर स्टियरिंग में फंसा कर साइड वाली विंडो से बाहर लटका हुआ था। उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। वहीं, पीछे बैठा अश्विन भी घायल था। गोकुल को चोट तो नहीं के बराबर आई, लेकिन हादसे के बाद वह पूरी तरह से दहशत में था। हादसे के बाद पुलिस की मदद से लोगों ने तीनों को निजी अस्पताल भिजवाया। जहां ईश्वर की मौत होने पर उसे एमवाय अस्पताल भेज दिया गया। सूचना के बाद संयोगितागंज पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया। ऐसी भी जानकारी मिली है कि युवकों ने पार्टी की थी।
एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था, इकलौता लड़का था
मामा संजय गहलोत ने बताया कि रात करीब 11 बजे ईश्वर घर से निकला था। इसके बाद कार से दो दोस्तों के साथ बीआरटीएस की ओर गया था। गीता भवन के पास इनकी कार अनियंत्रित हो गई और रेलिंग से टकरा गई। हादसे में ईश्वर की मौत हो गई जबकि गोकुल और अविनाश घायल हो गए। अविनाश का तो अंगूठा कट गया है। 24 वर्षीय ईश्वर यहां से एलएलबी कर रहा था। वह फाइनल ईयर का छात्र था। वह मूलत: राजस्थान मावली तहसील का रहने वाला था। इंदौर में वह राजबाड़ा स्थित ब्राह्मण समाज भवन में रहता था। उसके पिता यहां पर चौकीदारी करते हैं। इकलौते ईश्वर की मां का भी एक साल पहले सितंबर में देहांत हो चुका है। ईश्वर के बारे में यह भी पता चला है कि उसे जिम काफी शौक था। वह यहां पर एक जिम में ट्रेनर भी था। वह एलएलबी के साथ जिम में भी कॅरियर बनाने की तैयारी कर रहा था।
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