- भोपाल में भारत बायोटेक की वैक्सीन का ट्रायल
- अगले 10 दिन वैक्सीनेशन ट्रायल, 2 से 3 हजार लोगों को लगेगा टीका
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायाेटेक इंटरनेशनल की कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुक्रवार काे भाेपाल के पीपुल्स मेडिकल काॅलेज में शुरू हाेगा। इसके लिए भारत बायाेटेक ने काॅलेज काे अपनी काेवैक्सीन के 1 हजार डाेज भेज दिए हैं। यहीं रजिस्ट्रेशन कराने वाले पहले वॉलेंटियर को टीका लगेगा। इसका बूस्टर डाेज 28 दिन बाद लगाया जाएगा।
इस दाैरान ट्रायल में शामिल प्रत्येक वाॅलेंटियर के सेहत की माॅनीटरिंग की जाएगी। शहर में करीब 2 से 3 हजार लाेगों को डोज लगाई जाएगी। पीपुल्स मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टर्स ने बताया कि ट्रायल में किसी भी हेल्थ वर्कर्स को ये टीका नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि इन्हें काेविड के एक्सपाेजर का खतरा दूसरे वाॅलेंटियर से ज्यादा है। आईसीएमआर ने वैक्सीन के 1 हजार डाेज भेजे हैं, जो अगले 10 दिन में वाॅलेंटियर काे लगाए जाएंगे।
वहीं गांधी मेडिकल काॅलेज (जीएमसी) में ट्रायल अगले हफ्ते शुरू होगा। जीएमसी प्रबंधन ने इसके लिए संस्थान में नई साइट तैयार की है। इसके दस्तावेज इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च काे भेज दिए हैं। काॅलेज डीन डाॅ. अरुणा कुमार के मुताबिक आईसीएमआर ने संस्थान में काेवैक्सिन के क्लीनिकल ट्रायल की साइट पर असहमति जताई थी।
4 करोड़ वैक्सीन स्टोरेज की क्षमता, जरूरत 7 करोड़ की
पॉलिटिकल रिपोर्टर. भोपाल| प्रदेश में कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज की चुनौती अब भी बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यहां वैक्सीन के 4 करोड़ डोज को -2 से 8 डिग्री तापमान में स्टोर करने की क्षमता है, लेकिन जरूरत 6 से 7 करोड़ डोज स्टोरेज की है। इस कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने पांच वॉकिंग फ्रीजर और इतने ही कोल्ड रूम मप्र को देने की बात कही है। इसमें प्रत्येक के अंदर 25 से 30 लाख डोज रखी जा सकती है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार दो या तीन चरणों में इन्हें उपलब्ध कराएगी।
पहले पंजीकरण, फिर टीकाकरण
- मप्र में 12 वॉकिंग कूलर या फ्रीजर हैं। ये भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में हैं।
- इनमें लिक्विड या ड्राई वैक्सीन रख सकते हैं और -20 डिग्री तक तापमान रहता है।
- 5000 आइस लाइन रेफ्रिजरेटर और डीप फ्रीजर की व्यवस्था की जा रही है।
- अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान के मुताबिक टीकाकरण के पहले लोगों का प्रशिक्षण हो रहा है।
- टीकाकरण के लिए प्रदेश में हजारों सेंटर खोले जाएंगे, जिनमें फ्रंट लाइन वर्कर, 60-65 साल से अधिक के बुजुर्गों और बच्चों का पहले पंजीयन होगा। फिर टीकाकरण।
- सभी को मोबाइल पर उन्हें मैसेज भेजकर टीकाकरण की तारीख व समय दिया जाएगा।
- एक डोज लगने के बाद तय पीरियड के अनुसार उसे 28-30 दिन बाद दोबारा दूसरे डोज के लिए बुलाया जाएगा।
0 टिप्पणियाँ