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हार्वर्ड बिज़नेस रिव्यू:खुद को नकारात्मक होने से किस तरह रोक सकते हैं आप


तनाव आपकी सोच को किस हद तक प्रभावित करता है और इसे दूर कैसे किया जाए, परेशानी में साथियों की मदद लेने के लिए क्या उपाय करेंगे, खुद को कैसे विश्वास दिलाएंगे कि जीवन में हर अच्छी-बुरी स्थिति के लिए आप खुद ही जिम्मेदार हैं, जानिए हार्वर्ड बिज़नेस रिव्यू से।


1. आपकी सोच को कैसे प्रभावित करता है तनाव


जब तनाव होता है तो काफी हद तक सोच प्रभावित होती है। ब्लडप्रेशर, हार्ट रेट बढ़ जाते हैं। शरीर में एड्रिनलिन और कॉर्टिसोल का बहाव तेज हो जाता है। इस तरह आपकी निर्णय लेने की क्षमता पर गहरा असर पड़ता है। तनाव में अक्सर गलत निर्णय भी ले लिए जाते हैं। इससे बचने के लिए अपने शारीरिक लक्षण पर ध्यान देना चाहिए। अपने अंदर चल रही प्रतिक्रिया पर ध्यान देना भी जरूरी है। इस तरह आप खुद को नकारात्मक होने से रोकते हैं। जैसे, यदि आपको कोई ईमेल मिला है जिसे देखकर लगता है कि इससे आप परेशान हो सकते हैं, तो उसका तब तक जवाब न दें जब तक आप शांत नहीं हो जाते। (मैनेज यॉर स्ट्रेस बाय मॉनिटरिंग यॉर बॉडीज़ रिएक्शन्स टू इट, एरिका एरियल फॉक्स)


2. तनाव के स्रोत को सबसे पहले खत्म करना चाहिए


जब काम पर फोकस नहीं कर पाते हैं, तो काम न करने का तनाव रहता है, जो ध्यान को पहले से भी ज्यादा भटका देता है। इस चक्र को आत्म-जागरूकता के बल पर तोड़ा जा सकता है। अगली बार जब ध्यान भटके तो यह जानने की कोशिश करें कि इसकी वजह क्या है। क्या आप अपने काम से पूरी तरह बोर हो चुके हैं? यह भी जानने की कोशिश करें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं। क्या आप इसलिए परेशान हैं कि कोई पुरानी लिस्ट नहीं मिल रही है, या इसलिए कि ईमेल लिखने के लिए सही शब्द नहीं मिल रहे ? इन सवालों के जवाब देकर ही आप अपने ध्यान भटकने की वजह खोज पाएंगे। तनाव दूर करने के लिए सबसे पहले उसे दूर करना होगा जहां से ये उत्पन्न हो रहा है। (ब्रेक द साइकल ऑफ स्ट्रेस एंड डिस्ट्रैक्शन बाय यूजिंग युअर इमोशनल इंटेलिजेंस, कैंडी वीन्स)


3. परेशानी में किस तरह लें अपने साथियों की मदद


परेशानी में हैं तो निश्चित रूप से आप अपने साथियों से मदद लेंगे। लेकिन हो सकता है उन्हें ये न पता हो कि वे आपके कितने और कैसे काम आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है बहुत सोच-विचार कर, केवल कुछ खास साथियों से मदद ली जाए। उन्हें विस्तार से समझाइए कि आपको क्या मदद चाहिए और क्यों उनकी मदद बहुत मायने रखेगी। आप उनसे कह सकते हैं कि आपको तुरंत ही जाना होगा तो अगले दो हफ्ते तक उनकी मदद की जरूरत पड़ेगी। जिस प्रोजेक्ट पर आप साथ काम कर रहे हैं उसे अगले हफ्ते तक पूरा करने की बात भी उनसे करें। यदि आप यह करेंगे तो आपका तनाव कम होगा और घर के काम ज्यादा आसानी से पूरे होंगे। शोध बताते हैं कि आप अपनी बात सामने वाले के आगे किस अंदाज में रखते हैं, इसी पर उनका जवाब निर्भर करता है। (व्हॉट टू डू व्हेन ए पर्सनल क्राइसिस इज हर्टिंग युअर प्रोफेशनल लाइफ, एमी गैलो)


4. हर परिस्थिति के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानें


जब आप बेहद परेशान हों तो खुद पर तरस खाने लगते हैं और यह भूल जाते हैं कि जीवन की हर परिस्थिति के लिए आप खुद ही जिम्मेदार हैं। ज्यादा काम करने से परेशान हैं या ज्यादा तनाव हो रहा है, तो इसके लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है। अपनी उलझनों को खुद ही सुलझाना होगा। खुद को याद दिलाइए कि हो सकता है मेरी इस परिस्थिति में कुछ लोगों का भी योगदान हो, लेकिन मुझमें बहुत ताकत और क्षमता है कि सही चुनाव करके मैं खुद ही अपना वर्तमान और भविष्य संवार लूं। यह सोचने से उम्मीद जागती है और आप आगे बढ़ते हैं। छोटे-छोटे कदम लेकर अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। खुद को तंदुरुस्त रखने की जिम्मेदारी भी आपकी है। शरीर में जकड़न महसूस हो तो पैरों को स्ट्रेच करें,थकान मालूम हो तो तुरंत अपने बिस्तर पर लेट जाएं। इन सभी कामों को करने की आजादी आपको विश्वास देगी कि छोटे स्तर पर भी स्थितियां आपके ही नियंत्रण में हैं। (टू रिकवर फ्रॉम बर्नआउट, रीगेन युअर सेंस ऑफ कंट्रोल, एलिजाबेथ ग्रेस सॉनडर्स)


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