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इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल इंदौर का बड़ा फैसला:कारोबारी आय पर लगने वाला एजुकेशन सेस खर्च माना जाएगा, इस पर भी मिलेगी आयकर छूट


इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल इंदौर का बड़ा फैसला:कारोबारी आय पर लगने वाला एजुकेशन सेस खर्च माना जाएगा, इस पर भी मिलेगी आयकर छूट


इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) इंदौर बेंच ने एक बड़ा फैसला देते हुए कारोबारी करदाताओं को अपनी आय के निर्धारण में एजुकेशन सेस को भी खर्च में बताने की छूट दे दी है। अब उन्हें इस पर भी आयकर छूट मिलेगी। दरअसल, रिटर्न में कारोबारी आय पर टैक्स के साथ ही 4% का एजुकेशन सेस भी देता है।


जैसे- यदि उसने 5 लाख की आय पर स्लैब के तहत 10 हजार रु. का आयकर भरा तो इसका 4% यानी 400 रु. सेस देना होता है। इस फैसले के बाद करदाता जब अपनी आय घोषित करेगा तो इसमें से यह 400 रु. घटा देगा और इसे सेस पर खर्च बताकर शेष आय पर ही स्लैब के तहत टैक्स देगा। इस फैसले से कारोबारी, कार्पोरेट ग्रुप के साथ ही डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वकील व अन्य प्रोफेशनल को भी इस फैसले से राहत मिलेगी।


वह सेस को खर्च में दिखाकर छूट ले सकेंगे। सीए अभय शर्मा ने बताया कि किसी भी व्यापार में हुए लाभ के विरुद्ध खर्चों को घटाने की छूट होती है प्रत्येक करदाता जो कि व्यापार से आय घोषित करता है उसे इस निर्णय से बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि उसके द्वारा चुकाए गए आयकर में 4% हेल्थ एंड एजुकेशन सेस भी देना होता है। खासकर कार्पोरेट ग्रुप को बड़ी राहत मिली है क्योंकि उन पर आयकर की बड़ी राशि होती है और इसी हिसाब से भारी सेस भी लगता है।

आयकर अफसर और कमिश्नर ने अपील में कर दिया था खारिज
अग्रवाल कोल कॉर्पोरेशन ने 2016-17 का रिटर्न दाखिल करते हुए 21 करोड़ से अधिक की आय घोषित कर 21 लाख से अधिक का एजुकेशन सेस खर्चों के रूप में घटाया। इस पर आयकर अधिकारी ने इसे खर्चा मानकर छूट देना अमान्य कर दिया। कमिश्नर अपील में भी केस खारिज हो गया।


इसके बाद मामला ट्रिब्यूनल इंदौर में कुलभारत (न्यायिक सदस्य) तथा मनीष बोराड (लेखा सदस्य) की बेंच ने सुना और आयकर अधिनियम में धारा 40(a)(ii) इनकम टैक्स बिल 1961 का हवाला देते हुए 21 लाख के एजुकेशन सेस को खर्चा मान छूट देना मान्य कर लिया।


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