दीपावली से पहले एक बार फिर पटाखा बाजार तैयार है। हालांकि कोरोना के कारण पिछले सालों के मुकाबले इस साल अब तक सिर्फ दस फीसदी व्यापार ही हुआ है। व्यापारी पहले ही अनुमान लगा चुके थे कि इस बार पचास फीसदी से ज्यादा व्यापार नहीं होगा। चाइनीज पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध है, लेकिन बाजार में कई ऐसे पटाखे हैं जो देश में ही बने हैं, लेकिन चाइनीज पटाखों की तरह हैं।
इंदौर होलसेल पटाखा डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश कुमार बालचंदानी ने बताया दिवाली पर स्थानीय खरीदारी से पहले होने वाली आसपास के शहरों और गांवों के थोक व्यापारियों की ग्राहकी इस साल गायब है। रीजनल पार्क के सामने बीस दिन से थोक व्यापारी दुकानें लगाए बैठे हैं लेकिन अब तक बमुश्किल दस फीसदी व्यापार हुआ है।
आने वाले दिनों में भी बाहरी व्यापारियों से बहुत ज्यादा व्यापार नहीं दिख रहा। एसोसिएशन के महासचिव सुरेश फेरवानी ने बताया, सीजन के पहले ही देश के सभी बड़े व्यापारी संगठनों ने चर्चा की थी। सभी ने अनुमान लगाया था कि हर साल के मुकाबले पूरे देश में इस बार पटाखों की खरीदारी तीस से पचास फीसदी तक होगी। यही ट्रेंड इंदौर में भी नजर आ रहा है।
खर्च निकालने के लिए थोक व्यापारियों को कम कीमत पर कर रहे सप्लाय
पटाखों की कीमतों में इस साल इजाफा नहीं होगा। व्यापारियों के अनुसार लॉकडाउन में उत्पादन कम हुआ लेकिन उस दौरान माल भी नहीं बिका। बाजार में अभी भी मांग कम है। यही मुख्य वजह है कि पटाखों की कीमतें पिछले साल जितनी ही है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष के अनुसार कई व्यापारी, बाहर के थोक व्यापारियों को कम कीमत पर भी माल सप्लाय कर रहे हैं ताकि खर्च निकाल सकें। बाजार में कई ऐसे उत्पाद मौजूद हैं जो चाइनीज पटाखों की तरह ही दिखते हैं। इनकी फैंसी पैकिंग और गुणवत्ता बिलकुल चाइनीज उत्पादों जैसी है, लेकिन इन्हें भारत में बनाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पिछले दो-तीन साल में ऐसी कई नई कंपनियां बाजार में आई हैं जो चाइना जैैसे फैंसी आयटम बना रही हैं।
- 52 थोक दुकानें हैं रीजनल पार्क के सामने
- 40 करोड़ का व्यापार होता है हर साल
- 20 करोड़ का व्यापार होने का अनुमान इस साल
- 95 फीसदी पटाखे शिवाकाशी से आते हैं शहर में
स्पष्ट नहीं था कि व्यापारी पटाखे बेच सकेंगे या नहीं
बाजार के जानकारों के मुताबिक कोरोना के कारण इस बार सारे त्योहारों पर सरकार ने गाइडलाइन जारी की थी। उसी के अनुरूप लोगों ने त्योहार मनाए। दीपावली और पटाखों को लेकर बाहरी व्यापारी असमंजस में थे। वे यदि ऑर्डर बुक कर दें और सरकार पटाखे चलाने की अनुमति ही नहीं दे तो बड़ा नुकसान होता। इसी अस्पष्टता के कारण ही खरीदी नहीं हुई। जब स्थिति सामान्य हुई तो खरीदी हुई। व्यापारी सुरेश गेरा के मुताबिक दीपावली ही ऐसा त्योहार है, जिसमें घर के सभी लोग साथ में मिलकर पटाखे चलाते हैं। अब स्थानीय खरीदारी पर ही बाजार निर्भर है।
चाइनीज और भगवान के फोटो लगे पटाखे जब्त
राजेंद्र नगर पुलिस को रीजनल पार्क में 27 नंबर दुकान पर भगवान के फोटो लगे पटाखे होने की जानकारी मिली थी। दुकान में पटाखों के ऊपरी कवर पर भगवान के फोटो मिले लेकिन अंदर के कवर पर भगवान प्रिंट नहीं थे। फिर भी ऊपरी फोटों वाले पटाखों को जब्त किया। वहीं कुछ पटाखे चाइनीज मिले जो पोटाश वाले हैं। इन्हें जब्त कर दुकान संचालक पर धारा 188 में केस दर्ज किया।
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