सरकारी दफ्तरों में सक्रिय आठ दलालों को चिह्नित करने के बाद उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन ने जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। नोटिस के बाद सात दलाल अपने वकीलों के साथ मंगलवार शाम को एडीएम कोर्ट में पेश हुए।
वहीं दलाल कमल विरमानी पेश नहीं हुआ, जिसका गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। दलाल शुभम जैन, संदीप पटेल, सतीश भावसार, केतन सोनी, बनवारी, जीतेश गौर और निर्मल नरेडी 20-20 हजार की जमानत लेकर कोर्ट में पेश हुए।
जैन के बयान भी लिए गए, जिसमें उसने कहा कि वह साइट प्लान, सर्वे आदि कामों के लिए कंसलटेंसी का काम करता है और इस काम के लिए लोग उनके पास आते हैं। कियोस्क से मेरा लेना-देना नहीं है, क्योंकि वह मेरे चाचा द्वारा संचालित किया जाता है, इसलिए वहां के दस्तावेजों को लेकर मेरे पास जानकारी नहीं है। शासन द्वारा इस मामले में और जो जानकारी मांगी जाएगी, उसमें मदद करूंगा।
एडीएम कोर्ट में अन्य दलालों के बयान के लिए तारीखें लगाई गई है, तीन तारीखों में दो-दो दलाल कर छह अन्य के बयान भी लिए जाएंगे, इसके बाद आगे की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी। वकील तुषार दुबे ने कहा कि हमारे पक्षकार बयान दर्ज कराने के लिए तैयार है और 20-20 हजार का मुचलका भी पेश कर दिया है।
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