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इस बार देसी रोशनी से जगमग दिवाली:इंदौर, मुंबई, दिल्ली और गुजरात से मंगाई गई हैं झालरें और लाइट




  • चाइनीज सामान सिर्फ 23% ही, इसमें से भी ज्यादातर पिछले साल का बचा स्टॉक



कोरोना काल और चीन से चल रही टसल का असर राजधानी के बाजारों में देखने को मिल रहा है। इस बार तस्वीर पिछले साल से ठीक उलट है। बाजारों में चाइनीज लाइट और सजावटी सामान बहुत कम दिखाई दे रहे हैं। पिछली बार तक व्यापारी 70 फीसदी तक चाइनीज आइटम मंगाते थे, लेकिन इस बार यह 23 फीसदी ही रह गया है।


इसमें से भी अधिकांश व्यापारियों के पास पिछले साल का बचा हुआ स्टॉक है। लाइटों और सजावटी सामान से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि इस बार देसी लाइटें और सजावटी सामान की ही बिक्री ज्यादा हो रही है। चाइनीज लाइटें और झालरों का कोई ऑर्डर नहीं दिया है। यानी इस बार देसी रोशनी से दिवाली जगमग होगी।


भाव भी लगभग बराबर(आंकड़े रु. में)



15 से 20 करोड़ के कारोबार की उम्मीद
व्यापारियों ने इस बार मुंबई, दिल्ली इंदौर और गुजरात से ही सामान मंगाया गया है। इलेक्ट्रिक गुड्स के थोक विक्रेता श्याम देवनानी ने बताया कि इस बार दिवाली पर 15 से 20 करोड़ रुपए तक के व्यवसाय का अनुमान है। चाइनीज सामान का ऑर्डर नहीं दिया है।


हकीकत यह भी..अब लोग ही नहीं मांग रहे चाइनीज सामान
इलेक्ट्रिक सामान के थोक विक्रेता राजेश गुप्ता ने बताया कि चीन से संबंध खराब होने के बाद ग्राहक भी चीनी सामान लेना पंसद नहीं कर रहे। देसी झालरें और लाइट की क्वालिटी कहीं से कमतर नहीं है, यह टिकाऊ भी है। पिछले साल करीब 25 करोड़ की लाइटिंग का सामान चाइनीज था।


स्थिति उलट...
पिछले साल तक 70 फीसदी से अधिक चाइनीज लाइटें मंगवाई जाती थी। लेकिन इस बार स्थिति उलट है। करीब 77% माल स्वदेशी है। इससे यहीं के व्यापारियों को बढ़ावा मिलेगा। - रामस्वरूप पाटीदार, अध्यक्ष, घोड़ा नक्कास व्यापारी संघ


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