दबिश दी है। यहां से जुआं संचालित करने वाले दो बदमाशों सहित 42 जुआरी रंगे हाथ पकड़े हैं। जुआं खेलने के लिए जंगलों में ये कार व बाइक से जाते थे। क्राइम ब्रांच के 22 जवानों की अलग-अलग टीमे जंगल में पैदल दबिश देने पहुंची थी। कुछ जवान जुआं खेलने के लिए बहरुपिए बनकर पहुंचे थे और अपनी टीम को वहां से वाट्सएप लोकेशन भेजकर बुलाया। तो सैनिकों की तरह दूसरे जवान अड्डे तक पहुंचे और रंगे हाथ सभी जुआरियों को पकड़ा।
डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि ग्राम सिवनी से लगे भड़किया गांव के जंगल में ये जुआ संचालित किया जा रहा था। इसके मुख्य संचालक मोनू शिवहरे निवासी बागली और गोविंद उर्फ काला (खटीक) निवासी बागली देवास थे। इनके कब्जे से 3 लाख 40 हजार रुपये कैश, 40 मोबाइल, 5 ताश गड्डी 5 कारें, 1 दुपहिया वाहन जब्त हुआ है। यहां दोपहर 3 से रात तक जुआं खिलाया जा रहा था। रात में अंधेरा होते है बैटरी से चलने वाली लाइटों में ये जुआं संचालित होता था। जुआरियों के लिए चाय नाश्ते की भी आरोपी संचालकों ने व्यवस्था कर रखी थी। रात में अलाव जलाकर नशाखोरी भी करवाते थे।
कुछ जवान बहरुपिए बनकर पहुंचे, बाकी सैनिकों की तरह आए
क्राइम ब्रांच की टीम के कुछ जवान ग्रामीणों के भेस में जुआरी बनकर पहुंचे थे। फिर अपने साथियों को मोबाइल पर लोकेशन देकर अलर्ट किया। 22 जवानों की टीम में जुआरियों को चारों तरफ से घेरने के लिए जंगल व पथरिले रास्तों में सैनिकों की तरह क्राइम ब्रांच के जवान अड्डे तक पहुंचे।
15 हजार रुपये की बंदी थी थाने की
जुएं के अड्डे को लेकर खुड़ैल पुलिस की जिम्मेदारी थी। लेकिन कुछ जुआरियों ने पकड़ाते ही खुड़ैल पुलिस के संरक्षण में अड्डा संचालित होने की बात कही। ये भी आरोप लगाए कि खुड़ैल थाने को जुआं संचालित करने वाले आरोपी मोनू और गोविंद द्वारा 15 हजार रुपये महीना खर्चा पानी का दिया जाता था। एसपी महेशचंद जैन ने मामले में जांच के बाद टीआई व बीट इंचार्ज पर जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
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