इस वर्ष भावांतर योजना या समर्थन मूल्य खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मक्का उपज का पंजीयन नहीं करवाया है। इसके चलते किसानों को कम भाव में मक्का उपज बेचना पड़ रही है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में मक्का उपज का भाव 1000 से 1300 प्रति क्विंटल मिल रहा है जबकि केंद्र सरकार ने मक्का का प्रति क्विंटल लागत मूल्य 1213 रुपए तथा समर्थन मूल्य 1850 प्रति क्विंटल तय किया है लेकिन पंजीयन न होने से किसानों को कम भाव में ही उपज बेचकर नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा। वहीं आगामी दीपावली त्यौहार को देखते हुए और गेहूं चने की बोनी के लिए किसान मजबूरी में कम भाव में अपनी मक्का उपज बेच रहे हैं।
किसान को दोहरी मार
किसान जगदीश पाटीदार ने बताया कि इस बार मक्का फसल पर फालवार्म इल्लियों के प्रकोप के कारण उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। वहीं भाव भी कम मिलने से दोहरा नुकसान हो रहा है। मक्का व्यापारी सचिन पाटीदार ने बताया कि प्रतिदिन 5000 क्विंटल मक्का की आवक हो रही है। वर्तमान में अधिकतम भाव 1300 रुपये प्रति क्विंटल के लगभग है जो नमी पर निर्भर करता है। हालांकि पिछले साल 1600 से 1800 रुपये क्विंटल तक मक्का बिक रहा था।
मंडियों में बेहतर आवक
त्योहारी सीजन होने से इस समय जिले की कृषि उपज मंडियों में मक्का उपज की बेहतर आवक हो रही है। कम भाव पर मक्का उपज बेचने का एक कारण यह भी है कि किसानों के पास मक्का भंडारण की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते मजबूरी में किसान मक्का उपज बेच रहे हैं। भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष मंशाराम पंचोले ने मांग की है कि किसानों को समर्थन मूल्य के हिसाब से घाटा पूर्ति की जानी चाहिए।
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