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नए नियम:मेट्रो ट्रेन के रास्ते में आए पट्‌टेधारी झुग्गी, गुमठियों को मिलेगा मुआवजा; इंदौर-भोपाल मेट्रो के लिए कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

आपसी झगड़े की वजह से इंदौर में मेट्राे का काम लगभग बंद है।



  • इंदौर के 31.55 किमी में सिर्फ 5.29 किमी का अलायमेंट हुआ, बाकी स्थिति अस्पष्ट



  • भोपाल-इंदौर की मेट्रो रेल के रास्ते में आने वाली निजी जमीनों, पक्के मकानों या कच्चे मकानों के अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार नए नियम लाने जा रही है। इसमें बाजार दर से एक लाख रुपए ज्यादा राशि देने के साथ यह प्रावधान भी पहली बार होगा कि गैर स्वामित्व वाले पट्‌टेधारी, झुग्गी या गुमठियां भी रास्ते में हैं तो उसे हटने पर मुआवजा मिलेगा। इसकी गणना आपसी सहमति से की जाएगी। राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए 350 करोड़ का प्रावधान किया है।


    सरकार को जरूरत की तमाम जमीनें बिना किसी विवाद के मेट्रो रेल कंपनी को सौंपना है। अभी तक जो भी पिलर्स खड़े हो रहे हैं, वह सरकारी जमीन पर हैं, लेकिन मेट्रो जहां से टर्न करेगी, उस दौरान 125 वर्गमीटर की जगह की जरूरत होगी। मेट्रो स्टेशन बनाने के साथ प्रवेश, निकासी और सीढ़ियों के लिए भी निजी जमीनें जुटानी होंगी। इसीलिए नए नियम को कैबिनेट से मंजूर कराकर अधिग्रहण की कार्रवाई जल्द प्रारंभ की जाएगी।


    इंदौर के 31.55 किमी में सिर्फ 5.29 किमी का अलायमेंट हुआ, बाकी स्थिति अस्पष्ट
    इंदौर में मेट्रो का रिंग 31.55 किमी का है, लेकिन टेंडर सिर्फ 5.29 किमी का ही हुआ। इसमें एमआर-10 कुमेड़ी से मुमताजबाग तक काम शुरू हुआ, लेकिन एक भी पेड़ नहीं कटा। मेट्रो तिलकनगर, पलासिया, एमजी रोड (कोर्ट) तक जाएगी। फिर एयरपोर्ट तक 6 किमी अंडरग्राउंड रहेगी। इसका अलायमेंट पूरा नहीं हो सका है, जिससे प्रभावितों की संख्या ही अस्पष्ट है।


    इंदौर में यहां होगा जमीन का अधिग्रहण
    यहां प्रमुख रूप से राजबाड़ा, छोटा गणपति और रविंद्र नगर, पत्रकार कॉलोनी के आसपास जमीनों का अधिग्रहण होना है। भोपाल की तुलना में इंदौर में कुछ ज्यादा जगह का अधिग्रहण होना है।


    नियम में क्या हो रहा है बदलाव




    • ये प्रावधान अभी है : भूमि अधिग्रहण के 2013 और 2014 के नियम के तहत जिस व्यक्ति की जमीन अधिग्रहण में जा रही है, भूमि के मुआवजे के साथ उसके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान है। पट्‌टेधारी, झुग्गी और गुमठियों का कोई प्रावधान नहीं।

    • मेट्रो रेल के नियम में बदलाव : भूमि अधिग्रहण के 2013 और 2014 को मिलाकर नया नियम (इंटाइटलमेंट मेट्रिक्स) बनाया गया है। इसमें सरकारी नौकरी की जगह आपसी सहमति से जमीन के मुआवजे के साथ एक लाख रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। पट्‌टेधारी, गुमठियों और झुग्गी वालों को भी पैसा मिलेगा।






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