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पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 150 उद्योगपति 1300 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। इससे 17 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा

पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में 150 उद्योगपति 1300 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। इससे 17 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां पेपर इंडस्ट्री, ऑटो मोबाइल, केबल एंड कंडक्टर आदि उद्योग लगेंगे।


यह बात डीआईसी पीथमपुर क्षेत्र के संभावित निवेशकों की बैठक में सूक्ष्म एवं लघु मध्यम उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कही। पीथमपुर क्षेत्र के जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुनील त्रिपाठी ने बताया यहां 150 संभावित निवेशक उद्योग लगाने के लिए तैयार हैं। जिसमें 1300 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होगा एवं लगभग 17000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।


उन्होंने निवेशकों की सूची मंत्री के सामने रखी। इन निवेशकों से मंत्री सकलेचा ने एक-एक कर चर्चा की। उन्होंने बताया नई औद्योगिक नीति घोषित की जाएगी और पीथमपुर क्षेत्र की इकाइयों को पूंजी अनुदान समय पर उपलब्ध करवाया जाएगा।


दिसंबर में 50 फीसदी एवं मार्च तक बची हुई 50 फीसदी अनुदान राशि उद्योगों को दे दी जाएगी। मंत्री सकलेचा ने बताया कि एमएसएमई विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में लगभग 5000 हेक्टेयर सरकारी जमीन प्राप्त की जा रही है जो निवेशकों को कलेक्टर गाइडलाइन की दर से 90 फीसदी छूट के साथ दी जाएगी।


इससे नए निवेशक भूमि में निवेश के बजाय प्लांट एवं मशीनरी तथा नई तकनीक में निवेश कर सकेंगे। प्रदेश में भंडार क्रय नियम में भी संशोधन किया जा रहा है, जिसमें एमएसएमई उद्योगों को अत्यधिक लाभ होगा। हरित उद्योगों को प्रदूषण प्रमाण-पत्र महाप्रबंधक सुनील त्रिपाठी द्वारा ही दिया जाएगा।


हर माह अलग-अलग एक्सपर्ट के माध्यम से नए निवेशकों को मार्केटिंग तकनीक एक्सपोर्ट एवं अन्य के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री ने बताया कि यदि किसी निवेशक को कोई समस्या आती है तो वह महाप्रबंधक त्रिपाठी एवं उद्योग आयुक्त को बताने के साथ मुझे भी सीधे मेल कर जानकारी दे सकता है।


ये कर रहे हैं निवेश


पेपर इंडस्ट्री के मालिक राजेंद्र अग्रवाल 15 करोड़ का, ऑटो मोबाइल की ज्योति दुबे दो करोड़ व केबल एंड कंडक्टर बनाने वाली कंपनी एमडी हिफाजत अली 12 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। हर्बल प्रोडक्ट कंपनी के एमडी एचएस शर्मा 12 करोड़, कोल्ड स्टोरेज के एमडी प्रकाश मकवाना छह करोड़ का निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा मिल्क प्रोसेसिंग, मेडिकल इक्विपमेंट, इंजीनियरिंग इक्विपमेंट की भी कंपनियां यहां आ रही है।


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