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राज्य सरकार ने पर्यटन के नए रास्तों की तरफ कदम बढ़ाएं हे योग आयुर्वेद व पंचकर्म के जरिए पर्यटन की तैयारी


प्रतीकात्मक फोटो



  • पहली पर्यटन कैबिनेट कमेटी की बैठक में कई नए प्रस्तावों पर होगी बात

  • गांव-घर और फार्म पर रुकने की नई नीति



कोरोना के हालातों के बीच राज्य सरकार ने पर्यटन के नए रास्तों की तरफ कदम बढ़ाएं हैं। अब वेलनेस एंड माइंडफुल टूरिज्म (स्वस्थ जीवन शैली पर्यटन) यानी योग, आयुर्वेद, पंचकर्म केंद्रों को न केवल विकसित किया जाएगा, बल्कि इनकी ब्रांडिंग करके पर्यटकों को मप्र लाया जाएगा। जो होटल में न रुकना चाहें, उन्हें घरों, फार्म अथवा गांवों में रुकने के विकल्प दिए जाएंगे। गुरुवार को होने वाली पहली पर्यटन कैबिनेट कमेटी की बैठक में कई नए प्रस्तावों पर बात होगी। पर्यटन विभाग इसमें अपना प्रेजेंटेशन भी देगा। इसके साथ ही निवेशकों को भी सहूलियत देने की तैयारी है।


कैबिनेट कमेटी में रखेंगे लोन का मुद्दा
जिन लोगों ने 2008 की टूरिज्म पॉलिसी के तहत जमीनें ली थीं, वे अभी तक उन जमीनों पर लोन नहीं ले पाते थे। लंबे समय से यह मांग उठ रही थी, जिसे कैबिनेट कमेटी के सामने गुरुवार को रखा जाएगा।


जानिए... इन रास्तों से होगा नया पर्यटन




  • गांव और जनजातीय पर्यटन को बढ़ाने के लिए सौ ग्राम चिह्नित होंगे, जिसमें 10 हजार परिवारों को जोड़ा जाएगा। यहां टूरिस्टों के लिए होम स्टे, फार्म स्टे या ग्राम स्टे के विकल्प होंगे।

  • वन, नदी और जल आधारित प्राकृतिक पर्यटन तो होगा ही, इसके साथ हैरिटेज सर्किट भी बनेगा। यह ग्वालियर, ओरछा, मांडू, चंदेरी, खजुराहो एवं भीमबेटका होगा। इस पर 93 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

  • पर्यटन स्थलों के संरक्षण के लिए जन सहयोग भी लिया जाएगा।

  • बीस धार्मिक टूर भी बनेंगे।

  • फिल्म और प्री-वेडिंग शूटिंग की नई पॉलिसी होगी।

  • अनुभव आधारित पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।



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