इलाज के दौरान कोविड-19 से मरीजों की अचानक मौत हो जाने की गुत्थी सुलझाने के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज अब उनका पोस्टमॉर्टम करवाना चाहता है। इससे यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि मरीजों के एकाएक दम तोड़ने के पीछे उनकी धमनियों में रक्तप्रवाह अवरुद्ध होने का कारक किस हद तक जिम्मेदार है। पोस्टमॉर्टम की अनुमति के लिए काॅलेज प्रशासन राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेगा। संभागायुक्त की पहल पर यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कोविड-19 से दम तोड़ने वाले मरीजों में से 70 से 80 प्रतिशत लोग इन्ट्रावैस्क्युलर थ्रोम्बोसिस से पीड़ित थे। यानी उनके हृदय या फेफड़ों तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियां थक्का जमने से अवरुद्ध हो गई थीं। इस स्थिति के बाद उनकी अचानक मौत हो गई थी। सरकार की अनुमति मिलती है, तो कोविड से मरने वाले मरीजों का एमवायएच में पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। फिलहाल भोपाल के एम्स में इस तरह के पोस्टमॉर्टम हो रहे हैं।
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