- इंदौर खंडपीठ में 10 पद स्वीकृत, लेकिन अभी छह ही सुनवाई कर रहे
मध्यप्रदेश में हाई कोर्ट जजेस के 40 स्थायी पद मंजूर हैं, लेकिन इस समय महज 29 जज ही सुनवाई कर रहे हैं। इसमें भी एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और इंदौर खंडपीठ के जस्टिस एससी शर्मा को क्रमश इलाहाबाद और कर्नाटक भेजा रहा है।
पिछले दिनों जस्टिस वंदना कसरेकर का निधन भी हो गया। इस तरह आने वाले दिनों में संख्या घटकर 27 ही रह जाएगी। वहीं अगले साल के अंत तक सात जजेस रिटायर्ड भी हो जाएंगे। ऐसे में जजेस की संख्या घटकर 19 ही रह जाएगी। इंदौर खंडपीठ से भी अगले साल दो जजेस सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 14 दिसंबर को हुई सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में मप्र के लिए नए जजेस पर विचार ही नहीं हुआ।
पांच वकीलों को जज बनाने की अनुशंसा हाई कोर्ट द्वारा कई महीनों पहले की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को इस पर विचार करना था। हाई कोर्ट में जजेस के खाली पद भरे जाने के बजाए कॉलेजियम ने उल्टा इंदौर खंडपीठ से जस्टिस शर्मा और एक्टिंग चीफ जस्टिस यादव को अन्य राज्यों में भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट में अब शीतकालीन अवकाश शुरू हो गए हैं। निकट भविष्य में कॉलेजियम होने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं।
इंदौर से जजेस रिटायर्ड हो रहे
इंदौर खंडपीठ में जजेस के 10 पद स्वीकृत हैं। फिलहाल छह जज ही सुनवाई कर रहे हैं। जस्टिस सुनील कुमार अवस्थी 3 जून और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला 16 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। खास बात यह भी है कि इंदौर में जितने पद स्वीकृत हैं उतनी संख्या में कभी भी जजेस नहीं रहे हैं।
अभी नए जजेस के आसार नहीं
प्रदेश से भेजे गए पांच नामों में से 2-3 पर ही विचार किया जा सकता है। इसमें भी दो-तीन महीने कॉलेजियम होने के आसार नहीं हैं। बताया जाता है कि जो नाम भेजे गए थे, उनमें से कुछ की शिकायत कॉलेजियम को भेजी गई थी। इसलिए सभी नामों पर विचार संभव नहीं है।
ये जज भी हो रहे हैं रिटायर
जस्टिस जेपी गुप्ता- 20 फरवरी 21 जस्टिस एके श्रीवास्तव- 3 अगस्त 21 जस्टिस बीके श्रीवास्तव- 30 जून 21 जस्टिस राजेंद्र कुमार- 31 दिसंबर 21 जस्टिस मो. फहीम अनवर- 4 अप्रैल 21 जस्टिस वीपी सिंह- 14 मार्च 21
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