राज्य शासन के निर्देशानुसार 11 जनवरी से 13 फरवरी से चलेगा दस्तक अभियान के तहत बच्चों का टीकाकरण किया जाये। स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर टीकाकरण करेंगे। सभी बच्चों को सभी प्रकार के टीके लगाये जायेंगे। समुदाय स्तर पर 5 वर्ष तक के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों तथा गंभीर कुपोषण, पोलियो, गंभीर अनीमिया, निमोनिया, दस्त रोग, निर्जलीकरण, खतरे के लक्षणों, जन्मजात विकृतियों, अन्य बीमारियों, आदि की सक्रिय पहचान कर शीघ्र प्रबंधन सुनिश्चित करना, ताकि बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सकें।
समुदाय में दस्तक अभियान के दौरान बीमारी नवजातों और बच्चों की पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया त्वरित पहचान, प्रबंधन एव रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के बीमार गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग के नियंत्रण हेतु ओ.आर.एस. एवं जिंक के उपयोग संबंधी समझाइश व प्रत्येक घर में ओ.आर.एस पहुंचाया जायेगा।
दस्तक अभियान के दौरान 9 माह से 5 वर्ष के समस्त बच्चों को विटामिन ए अनुपूरक, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों ए एवं वृद्धि विलंब की पहचान, समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति व्यवहार के बढ़ावा, एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फॉलोअप को प्रोत्साहन, गृहभेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत व छूअे हुये बच्चों की टीकारण स्थिति की जानकारी ली जायेगी।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरूण गुप्ता ने बताया कि समुदाय में गृह भ्रमण के दौरान दस्तक दल के सदस्य मॉस्क का प्रयोग करें, दस्तक अभियान के दौरान समुदाय में भी बच्चे एवं परिवार के सदस्यों को मॉस्क लगाने को कहें, प्रत्येक बच्चे की जांच से पूर्व दस्तक दल के सदस्य अपने हाथों को साबुन पानी अथवा सेनिटाइजर से साफ करें, दस्तक अभियान के दौरान प्रमुख उपकरण को भी सेनिटाइजर करें, एमयूएसी से बच्चे की जांच के पूर्व एमयूएसी को सेनिटाइज करें, खून की जांच के पूर्व कार्यकर्ता हाथों को सेनिटाइजर करें, जांच उपरांत वेस्ट मैटरियल को नियमानुसार डिस्पोज हेतु कार्यवाही करें तथा परिवार के सदस्यों से कोरोना के लक्षणों की जानकारी लें।
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