देश में पिछले 10 माह से फैली कोराेना महामारी के चलते लोगों का घर से बाहर निकलना और घूमना फिरना कम हुआ है। यहां तक की ऑफिस आदि में काम पर जाने वाले लोग भी लंबे समय से वर्क फ्राॅम होम कर रहे हैं। ऐसे में लोगों की सिटिंग काफी बढ़ गई है। हाल ही में ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन ने इस संबंध में अहम सुझाव दिए हैं। |
निष्क्रिय लोगों को युवा अवस्था में ही मौत का खतरा एक अध्ययन में हजारों की संख्या में लोगों के दैनिक जीवन से जुड़ी गतिविधियों पर अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे लोग जो दिन भर निष्क्रिय रहते हैं उनकी युवा अवस्था में ही मृत्यु होने की आशंका बढ़ जाती है, लेकिन यदि लोग थोड़ा भी मूवमेंट करते हैं तो इस आशंका को काफी हद तक कम किया जा सकता है। पूर्व में भी महामारी विशेषज्ञों द्वारा शारीरिक गतिविधियों पर किए गए अध्ययन में भी इसी तरह का निष्कर्ष सामने आया था। 50 हजार लोगों पर किए गए शोध में निकाला निष्कर्ष शोधकर्ताओं ने यूरोप और अमेरिका में रहने वाले लगभग 50,000 लोगों पर किए गए 9 अध्ययनों की तुलना कर कई परिणाम निकाले। इन अध्ययनों में अधेड़ उम्र के पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि लोग 11 मिनट तक भी हल्की एक्सरसारइज या वॉक तेजी से करते हैं तो लंबी सिटिंग से होने वाले दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही यदि लोग 35 मिनट तक तेज एक्सरसारइज करते हैं तो इन दुष्प्रभावों को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है फिर वे चाहे जितने घंटे बैठते हों। |
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