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जलूद स्थित नर्मदा परियोजना और यशवंत सागर में नगर निगम ने 120 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी

 

फाइल फोटो
  • प्लांट लगने से हर माह आने वाला बिजली बिल 40 फीसदी तक कम होगा
  • जलूद स्थित नर्मदा परियोजना और यशवंत सागर में नगर निगम ने 120 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। प्लांट के लगने से हर महीने आने वाला बिजली का बिल 40 फीसदी तक कम होगा और निगम को कार्बन क्रेडिट भी मिलेगी। देश की किसी भी निकाय की सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी योजना के लिए निगम 500 करोड़ के ग्रीन मसाला बॉण्ड जारी करेगा और इसे लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड करवाएगा।

    इसमें निगम को केंद्र सरकार से 70 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलेगी। प्रोजेक्ट की बाकी राशि निवेशकों के बॉण्ड खरीदने से जुटाई जाएगी। योजना के कंसल्टेंट संतोष मुछाल के मुताबिक, यशवंत सागर में लगभग 40 मेगावॉट के फ्लोटिंग (तैरते हुए) सोलर पैनल लगेंगे, जबकि जलूद में सरकारी 280 एकड़ भूमि पर 80 मेगावॉट का प्लांट लगाने की योजना है। जलूद में 100 एकड़ जमीन निगम के पास भी है, लिहाजा वहां अब प्रोजेक्ट शुरू करने में दिक्कत नहीं आएगी। सोलर प्लांट से निगम का 21 करोड़ रुपए महीने का खर्च 40 से 50 फीसदी तक कम होगा। इससे यशवंत सागर में वाष्पीकरण का प्रतिशत भी घटेगा। प्रोेजेक्ट ग्रीन एनर्जी पर आधारित है, इसलिए इसे ग्रीन मसाला बॉण्ड नाम दिया है।

    निगमायुक्त ने अफसरों को सौंपी जिम्मेदारी
    योजना को लेकर बुधवार को निगमायुक्त ने शासकीय भूमि के आवंटन, मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी नोडल अफसर अभय राजनगांवकर को दी। तकनीकी कंसल्टेंट का टेंडर विद्युत विभाग के कार्यपालन यंत्री राकेश अखंड निकालेंगे। वित्त प्रबंधन और बॉण्ड निकालने की प्रक्रिया अपर आयुक्त वीरभद्र शर्मा और मुछाल करेंगे।


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