मार्च में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही अन्य स्वास्थ्य योजनाएं ठप पड़ गई थीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्य पिछड़ गए। अब उन्हीं को रफ्तार देने की कोशिश की जा रही है। इन दिनों सारा जोर परिवार नियोजन कार्यक्रम पर है। इंदौर जिले को एक साल में 22 हजार 576 नसबंदी ऑपरेशन करना है।
जानकारी के अनुसार अप्रैल से लेकर दिसंबर तक 10 महीनों में सिर्फ 22 प्रतिशत टारगेट ही हासिल हो पाया है। आंकड़ों को देखें तो, 22,576 के टारगेट की तुलना में 4 हजार 800 ऑपरेशन हुए हैं। यह संख्या 22 प्रतिशत से कम है। इतना ही नहीं, इनमें पुरुष नसबंदी की संख्या मात्र 24 है। इसलिए अब बचे तीन महीने में टारगेट हासिल करने पर सारा जोर है, यानी 78 प्रतिशत ऑपरेशन मार्च तक करना होंगे।
ऑपरेशन से पहले रैपिड एंटीजन जांच करवा रहे
इन दिनों नसबंदी ऑपरेशन के पहले रैपिड एंटीजन जांच की जा रही है। जबकि ऐसा माना जाता है कि जांच रिपोर्ट गलत भी हो सकती है। सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए आदेश जारी कर दिया है कि ऑपरेशन के पूर्व आरटीपीसीआर जांच कराई जाए। सिर्फ सरकारी अस्पतालों में रैपिड जांच की जा रही है।
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