फाइल फोटो
- योजना में पांच लाख रुपए तक होता है बीमा कवर, री-इम्बर्समेंट का नहीं है प्रावधान
आयुष्मान भारत योजना “निरामयम” को लागू हुए दो साल हो गए, लेकिन प्रदेश में अब तक 25 फीसदी हितग्राहियों के ही कार्ड बने हैं। इंदौर की बात करें तो यहां अभी तक 7 लाख 63 हजार 675 हितग्राहियों के ही कार्ड बने हैं, जबकि 15 लाख 14 हजार 487 हितग्राहियों के कार्ड बनाए जाना थे।
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर लोग तभी कार्ड बनवाते हैं, जब वे किसी बीमारी के इलाज के लिए भर्ती होते हैं। कई परिवार में तो मुखिया के कार्ड बन गए, लेकिन अन्य सदस्यों के कार्ड नहीं बने। इसलिए प्रदेशभर में आयुष्मान भारत योजना के ज्यादा से ज्यादा कार्ड बनवाने का लक्ष्य दिया गया है। बताया जा रहा है कि कहीं-कहीं 25 प्रतिशत कार्ड भी नहीं बने हैं।
30 रुपए का शुल्क, समग्र आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड लगता है
इंदौर में 7 सरकारी और 24 निजी अस्पतालों में कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिले के 106 कॉमन सर्विस सेंटर में इस योजना के कार्ड बनाए जा रहे है। अधिकारियों के मुताबिक, यह संख्या बढ़ाई जाएगी। योजना के तहत कार्ड बनाने के लिए 30 रुपए का शुल्क तय किया गया है। इसके लिए समग्र आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड या कोई सरकारी फोटो पहचान पत्र देना होगा। किसी तरह की अन्य जानकारी के लिए 18002332085 पर संपर्क किया जा सकता है।
सितंबर 2018 में लागू की गई थी योजना- गौरतलब है कि सितंबर 2018 में योजना को प्रदेश में लागू किया गया था, लेकिन सभी हितग्राहियों के कार्ड नहीं बन पाए हैं। इसीलिए जिला प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार शुरू किया है। राशन कार्ड की दुकानों पर भी कार्ड बनाए जाएंगे। इस योजना के तहत पांच लाख का बीमा कवर है, लेकिन चिह्नित अस्पतालों में ही मरीज को इलाज कराना जरूरी है। अन्य बीमा योजना के तहत रीइम्बर्समेंट का कोई प्रावधान नहीं है।
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