साल का आखिरी महीना आते ही क्राइम रेट सुधारने के लिए पुलिस थानों में रिपोर्ट लिखना कम कर देती है। ऐसा ही इन दिनों जिले भर के थानों में देखा जा रहा है। ज्यादातर मामलों में तो बाद में आना कहकर फरियादियों को चलता कर दिया जा रहा है। पुलिस की डेली सिचुएशन रिपोर्ट (डीएसआर) में रोज जहां 65 से ज्यादा मामले आते थे, वहीं मंगलवार को 32, सोमवार को पूरे जिले में 23, रविवार को 41, शनिवार को 32 और शुक्रवार को 42 एफआईआर दर्ज की गई।
पर्स चोरी, जवान बोला-अभी केस दर्ज नहीं होगा
एक युवक पर्स चोरी की शिकायत लेकर भंवरकुआं थाने पहुंचा। वहां जवान ने कहा अभी केस दर्ज नहीं होगा। आप तो बाद में आना। अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी। आप बोलो तो बीट वाले पुलिस कर्मियों को बता देते हैं। वैसे भी 500 रुपए थे। इसलिए रहने दो। साहब ने कहा है कि अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी।
साइकिल चोरी, पुलिस बोली दो दिन बाद आना
एक सदस्य लसूड़िया थाने में साइकिल चोरी की रिपोर्ट लिखाने पहुंचा। वहां सिपाही और एक एएसआई ने कहा कि दो दिन बाद आना, तब रिपोर्ट लिखेंगे। अभी तो पुलिस पेंडिंग मामले निपटाने में लगी है। बोला कि अभी तो आप आवेदन दे जाओ। बाद में बीट वालों से बोलकर सीसीटीवी फुटेज दिखवा लेंगे।
मारपीट के मामले में बोले अभी समझौता कर लो
एक युवक मूसाखेड़ी में मारपीट की शिकायत लेकर पहुंचा। वहां सिपाही कहने लगे कि अभी तो यहां हत्या हो गई है। स्टाफ नहीं है। तुम लोग आपस में समझौता कर लो। बाद में सब हो जाएगा। ये तीन थाने नहीं, बल्कि शहर के लगभग सभी थानों में चार दिन से सिर्फ बड़ी रिपोर्ट ही दर्ज हो रही है या फिर उन मामलों को लिखा जा रहा है, जिसमें पुलिस का ग्राफ नहीं गिरता।
डीआईजी बोले- अगर ऐसा है तो मुझसे मिलें पीड़ित
डीआईजी हरि नारायणाचारी मिश्र का कहना है कि साल के अंत में ऐसी शिकायतें आती हैं, लेकिन हमने सभी थाना प्रभारियों को कहा है कि थाने में आने वाले हर पीड़ित की एफआईआर भी दर्ज करें। फिर भी किसी पीड़ित को परेशानी है तो वह मुझसे संपर्क कर सकता है।
0 टिप्पणियाँ