- इस साल 28 बड़े सितारों की फिल्में सीधे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज की गईं
क्रिसमस के दिन अमेजन की स्ट्रीमिंग सर्विस पर रिलीज हुई फिल्म ‘कुली नंबर-1’ बॉलीवुड में आ रहे बदलाव का नया संकेत है। महामारी के कारण सिनेमाघरों के बंद होने से लगभग 18 हजार करोड़ रुपए की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने स्ट्रीमिंग का रास्ता पकड़ा है। रिसर्च फर्म फॉरेस्टर के अनुसार इस साल 28 बड़े सितारों की फिल्में सीधे स्ट्रीमिंग पर रिलीज हुईंं। पिछले साल ऐसी एक भी फिल्म नहीं थी।
स्ट्रीमिंग की बढ़ती जरूरत के मद्देनजर नेटफ्लिक्स, अमेजन और हॉटस्टार जैसी कंपनियां भारत में खूब पैसा लगा रही हैं। फॉरेस्टर के अनुसार 2020 में इन कंपनियों ने भारतीय दर्शकों के लिए कंटेंट पर करीब 3,800 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह 2019 से 700 करोड़ रुपए ज्यादा है।
नेटफ्लिक्स ने दो साल में 2,900 करोड़ रुपए खर्च किए
नेटफ्लिक्स ने बताया कि उसने भारत में पिछले दो साल में 50 फिल्मों और शो के प्रोडक्शन पर लगभग 2,900 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इनमें 34 हिंदी फिल्में शामिल हैं। डिज्नी प्लस लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में हॉटस्टार में मर्ज हो गया और एक नई शुरुआत की है। वैसे, बॉलीवुड में बनने वाली फिल्मों के मुकाबले स्ट्रीमिंग में रिलीज फिल्में अब भी कम हैं।
बॉलीवुड में बीते साल हर हफ्ते 35 फिल्में बनीं
अर्नेस्ट यंग की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल बॉलीवुड में 1,800 या सप्ताह में औसतन 35 फिल्मों का निर्माण हुआ था। घरेलू सिनेमाघरों में इन फिल्मों के रिलीज होने से लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री आय के लिए लंबे समय से थिएटरों में रिलीज पर निर्भर रहती है।
लॉकडाउन में थियेटर्स को 75% नुकसान हुआ
ग्लोबल नेटवर्क फर्म KPMG के अनुसार महामारी के बीच थिएटर बंद होने से आय 75 प्रतिशत कम हुई है। अक्टूबर में थिएटर खुलने के बाद भी इसमें राहत नहीं मिली है। नई फिल्में रिलीज न होने से देश की सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन PVR को ही सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में 184 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका था। इस हाल में बॉलीवुड के लिए स्ट्रीमिंग सर्विस बड़े विकल्प के तौर पर उभरी है।
अब एक ही तरह के कंटेंट की रणनीति धीरे-धीरे विदा हाे रही है
बॉलीवुड कंटेंट में स्ट्रीमिंग सेवाओं के पैसा लगाने से क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिला है। कंटेंट में विविधता भी आ रही है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘शकुंतला देवी’ के प्रोड्यूसर विक्रम मल्होत्रा कहते हैं, ‘एक ही तरह के कंटेंट की रणनीति धीरे-धीरे विदा हो रही है।’ रोमांटिक और एक्शन हीरो फिल्मों की बजाय अधिक शो और फिल्में महिलाओं, युद्ध और अन्य विषयों पर केंद्रित हैं।
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