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निपानिया स्थित इस्काॅन मंदिर को नया रंग-रूप मिलने जा रहा दस करोड़ रुपए होंगे खर्च, दो साल में 40 फीसदी काम हुआ

 



 निपानिया स्थित इस्काॅन मंदिर को नया रंग-रूप मिलने जा रहा है। मंदिर के मौजूदा परिसर में ही करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से ढाई एकड़ जमीन पर पिछले दो सालों से चल रहे मंदिर के नवनिर्माण को अब पूरी गति मिलने लगी है। मकराना के संगमरमर व सोमपुरा शैली में मंदिर बन रहा है।

इस्काॅन अध्यक्ष स्वामी महामनदास ने बताया कि नया मंदिर मप्र का सबसे बड़ा इस्काॅन मंदिर होगा। वहीं छह दुकानें और आठ कार्यालय होंगे, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मैनेजर, अकाउंटेंट के ऑफिस भी होंगे। मंदिर का काम शुरू हुए करीब दो वर्ष हो चुके हैं। अब तक करीब 40% काम पूरा हो चुका है।

संपूर्ण मंदिर को आकार लेने में दो वर्ष का और समय लगने की उम्मीद है। यहां सोलर प्लांट लगाया जाएगा, जिससे बाहर की बिजली का उपयोग नहीं किया जाएगा। कचरे का निपटान किया जाएगा और इससे खाद बनाई जाएगी। ये ईको फ्रेंडली होगा। इस्कॉन मंदिर का मुख्यालय बंगाल के मायापुर में स्थित है।

ये होती है सोमपुरा शैली
मकराना के संगमरमर से किए गए निर्माण कार्य की उम्र 100 से 150 वर्ष होती है। इसी तरह सोमपुरा शैली में बने निर्माण की उम्र डेढ़ से दो हजार वर्ष मानी गई है, क्योंकि इनमें लोहे का बिलकुल भी उपयोग नहीं किया जाता। इसी तरह दरवाजे को छोड़कर कहीं भी लकड़ी का प्रयोग भी इस मंदिर में नहीं होगा।

  • 03 मंजिला इमारत में एक मंजिल पर 50 ब्रह्मचारियों के लिए और दूसरी मंजिल पर 30 लोगों के ठहरने के लिए अतिथि निवास रहेगा।
  • 08 सौ श्रद्धालुओं के लिए एक साथ प्रसाद तैयार किया जा सकेगा तीन मंजिला इमारत में बनने वाले आधुनिक रसोईघर में।
  • 05 सौ लोगों की क्षमता वाला आधुनिक ऑडिटोरियम बनेगा। सोलर प्लांट लगाया जाएगा, बाहर की बिजली का उपयोग नहीं होगा।
  • 60 छात्रों को कर्मकांड से जुड़ी विद्या भी सिखाई जा रही है, जिससे वे विवाह, गृह प्रवेश, आदि विधि-विधान से करा सकेंगे।
  • 3.5 फीट की राधा-कृष्ण, चैतन्य महाप्रभु, नित्यानंद प्रभु, ढाई-ढाई फीट की जगन्नाथ, बलदेव व सुभद्रा की प्रतिमाएं स्थापित होंगी।

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