- 2006 में एथलेटिक्स ट्रैक पर डाली थी फ्लाय एश, धूल उड़ी तो मिट्टी डाली महानंदानगर स्पोर्ट्स एरिना में 2006 में एथलेटिक्स ट्रैक बना। तब सेंट्रल ट्रैक बनाने के लिए कोयले की चूरी की जरुरत महसूस हुई। जिस निर्माण कंपनी को इसका दायित्व दिया था उसने चूरी डालने की जगह ग्रेसिम उद्याेग नागदा से फ्लाय एश मंगवाई और डाल दी। कुछ समय तक वह ट्रैक ठीक रहा लेकिन धूल उड़ने से खिलाड़ी खुद को असहज महसूस करने लगे। ऐसे में बगैर प्रशासनिक सहायता के खिलाड़ियों ने जनसहयोग से मिट्टी डालना शुरू कर दिया। तब से एथलेटिक्स उसी ट्रैक पर तैयारी कर रहे हैं।
एथलेटिक्स फेडरेशन ने प्रदेश के उज्जैन, रतलाम, विदिशा और भोपाल के लिए सिंथेटिक्स ट्रैक की मंजूरी दी है। यह 400 एथलेटिक्स के लिए यह राहतभरी खबर है। वर्तमान में एथलेटिक्स ट्रैक अंतरराष्ट्रीय लेवल का नहीं होने से उनकी तैयारी में परेशानी आती है। 2012 से इसकी मांग उठ रही है। सिंथेटिक्स ट्रैक रबर का होने से खिलाड़ियों को प्रेक्टिस करने में सुविधा होगी।
खेलों इंडिया योजना में ट्रेनिंग के लिए ट्रैक प्रस्तावित
तत्कालीन खेल मंत्री ने उज्जैन सहित चिह्नित जिलों में एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रैक के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। केंद्र की खेलो इंडिया योजना के तहत जिले में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रैक प्रस्तावित है। महानंदा नगर स्पोर्ट्स एरिना में सिंथेटिक्स एथलेटिक्स ट्रैक बनाना प्रस्तावित है।
प्रदेश का पहला सिंथेटिक्स ट्रैक भोपाल में बनाया था
भोपाल में 3 मार्च 2018 को तत्कालीन खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने तात्या टोपेनगर स्थित अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स ट्रैक का उद्घाटन किया था। तब उन्होंने कहा था कि यह सिंथेटिक ट्रैक लगभग 20 साल पुराने ट्रैक की कुशनिंग खराब होने से अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स फेडरेशन की स्वीकृति के बाद तैयार किया था।
संगठित खेलों का प्राचीन रूप एथलेटिक्स
एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ने, कूदने, फेंकने और चलने की प्रतियोगिताओं का संग्रह है। एथलेटिक्स संगठित खेलों का प्राचीनतम रूप है, जो 776 ई.पू. से 393 ई. तक ओलिंपिक खेलों का और अन्य पारंपरिक खेलों का भी एक भाग रहा। एथलेटिक स्पर्धाएं जैसे दौड़, लंबी कूदी, चक्का फेंक व भाला फेंक को कुश्ती के साथ जोड़कर प्राचीन पेंटाथलॉन (पांच प्रकार की स्पर्द्धओं का सामूहिक खेल) बनाया।
नेशनल लेवल की ट्रेनिंग मिल सकेगी
7 करोड़ 49 लाख रुपए की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। उन्हें शहर में ही नेशनल लेवल की ट्रेनिंग मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने महानंदानगर स्पाेर्ट्स एरिना में सिंथेटिक ट्रैक बनाने की मंजूरी दे दी है।
-ओपी हारोड़, जिला खेल अफसर
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