फर्जी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए केंद्र ने जीएसटी के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब कारोबारी को जीएसटी का रजिस्ट्रेशन बायोमैट्रिक पहचान साबित करने के बाद ही मिलेगा। इसके लिए उन्हें फिंगर प्रिंट को स्कैन कर अपलोड करना होगा। केंद्र द्वारा 22 दिसंबर को जारी किए गए नोटिफिकेशन में रजिस्ट्रेशन नियमों में इस संबंध में प्रावधान कर दिए हैं। हालांकि इसे लागू करने में कुछ दिन लगेंगे, क्योंकि इसके लिए पोर्टल पर प्रोसेस अपलोड करना है और इसे आधार साइट से भी लिंक किया जाएगा, जिससे बायोमैट्रिक पहचान को लिंक किया जा सके।
फिंगर प्रिंट स्कैन करने के साथ वेबकैम से फोटो खींच ऑनलाइन अपलोड करना होगा
- वरिष्ठ कर सलाहकार आरएस गोयल के अनुसार, अब रजिस्ट्रेशन के लिए बायोमैट्रिक पहचान कराने, फिंगर प्रिंट स्कैनर के साथ ही वेबकैम के माध्यम से फोटो खिंचवाकर ऑनलाइन अपलोड करना होगा।
- यदि कोई बायोमैट्रिक पहचान नहीं कराता है तो कारोबारी को आधार कार्ड, फोटोग्राफ व अन्य दस्तावेजों की सत्यापित कॉपी कमिश्नर द्वारा नोटिफाई सेंटर पर भौतिक रूप से जाकर अपना बायोमैट्रिक सत्यापन कराना होगा।
- यदि कारोबारी पार्टनरशिप कंसर्न या कंपनी है तो ऐसी स्थिति में सभी डायरेक्टर्स को पूरी प्रक्रिया का पालन करने हुए वैरिफिकेशन कराना होगा।
- यदि कोई व्यवसायी बायोमैट्रिक पहचान नहीं कराता या पहचान फेल होती है तो विभागीय अधिकारी व्यावसायिक स्थल पर जाकर सत्यापन करेंगे, फिर पंजीयन होगा। सत्यापन के दौरान कारोबारी को वहां उपस्थित रहना होगा। बायोमैट्रिक अथेन्टिकेशन फेल होने पर भी यही प्रक्रिया अपनाना होगी।
अभी यह प्रक्रिया लागू
कारोबारी के आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है और यह अपलोड करने पर ही रजिस्ट्रेशन हो जाता है।
नया नियम 1 जनवरी से प्रभावी
कई कारोबारी एक ही ई-वे बिल पर एक दिन में दो-तीन फेरे लगा टैक्स चोरी कर रहे थे। अब एक दिन के लिए ई-वे बिल पर दो सौ किमी तक का सफर मान्य होगा। प्रावधान 1 जनवरी से लागू होंगे।
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