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इंदौर :गांधी हॉल के इंटीरियर सहित बाहर के अधिकांश काम हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नए साल में यह पहली सौगात होगी

 

सौ साल से ज्यादा पुराने गांधी हॉल के इंटीरियर सहित बाहर के अधिकांश काम हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नए साल में यह पहली सौगात होगी। क्लॉक टावर में लगी ऐतिहासिक घड़ी भी चल पड़ी है। लंबे समय से बंद घड़ी का घंटा हर पंद्रह मिनट पर धीमी और हर घंटे तेज आवाज में गूंज रहा है।

स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री बीआर लोधी ने बताया कि टॉवर क्लॉक में लगी घड़ी के लिए यूरोप से एंकर सिस्टम बुलवाए गए थे। टॉवर की दीवारों में ड्रिल कर एसएस रॉड डाली गई। इसके बाद दीवारों को केमिकल से मजबूती दी। घड़ी के कंपन से दीवार को होने वाले नुकसान को बचाने के लिए ये जरूरी था।

अंडरग्राउंड कैबलिंग का काम बचा
बाहर चल रहे कार्यों में पार्किंग, गार्डन और पाथ वे का काम लगभग खत्म हो चुका है। अंडरग्राउंड कैबलिंग का थोड़ा काम शेष है। गांधी हॉल प्रांगण में एक लाइब्रेरी भी बनाई है। गांधी हॉल की खूबसूरती बाधित ना हो, इसलिए इसे तलघर में बनाया गया है।

तीन साल पहले शुरू हुआ था काम
जीर्णोद्धार का काम करीब तीन साल पहले शुरू किया था। गांधी हॉल को भीतर से भी पूरी तरह नया किया गया है। दीवारों पर जमी कालिख को भी केमिकल ट्रीटमेंट दिया गया है। केमिकल ट्रीटमेंट से दीवारों को मिली चमक थोड़े से ही मेंटेनेंस से लंबे समय तक बनी रहेगी।


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