बिजली कंपनी की विजिलेंस विंग द्वारा उपभोक्ता की गैर मौजूदगी में घर में घुसकर 50 हजार रुपए का फर्जी केस बनाए जाने के मामले में मंगलवार को कनेक्शन की फिर से जांच की जाना थी, लेकिन गुमास्ता नगर जोन के अमले ने विजिलेंस अधिकारियों की शह पर उपभोक्ता का कनेक्शन ही काट दिया। उपभोक्ता नौशाद हुसैन का बेटा डेंगू के चलते अस्पताल में भर्ती है।
पूरा परिवार जब अस्पताल में था तब जोन का अमला पहुंचा और पोल से कनेक्शन काटकर चला गया। उपभोक्ता जब घर पहुंचा तो पता चला कि कनेक्शन कट गया। नौशाद एक तरफ बेटे के लिए खून की व्यवस्था करने में लगे थे वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों से कनेक्शन जोड़े जाने की मिन्नतें कर रहे थे। आखिर में आठ हजार रुपए जमा कराने के बाद कनेक्शन जोड़ा।
बकायादार सूची में नाम था, इसलिए कार्रवाई : अफसर
उपभोक्ता ने आउटसोर्स कर्मचारी जुनैद की फोन रिकॉर्डिंग बिजली कंपनी के एमडी अमित तोमर को सौंपी थी। तोमर ने विजिलेंस के चीफ इंजीनियर कैलाश शिवा को जांच के लिए कहा था। चीफ इंजीनियर ने मंगलवार को कनेक्शन की फिर से जांच कराने का आश्वासन दिया था। मंगलवार को जांच से पहले विजिलेंस के अधीक्षण यंत्री कार्यालय ने उपभोक्ता पर 23 हजार रुपए बकाया होना बताकर कनेक्शन कटवा दिया। नौशाद बच्चे के इलाज के लिए घर में रखे 10 हजार रुपए लेने आए थे। इसमें से आठ हजार रुपए गुमास्ता नगर जोन पर चुकाना पड़े तब कनेक्शन चालू किया। सहायक इंजीनियर डीके उपाध्याय के मुताबिक बकायादारों की सूची के आधार पर कनेक्शन काटा गया।
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