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बदलाव:कोरोना काल ने बदली खरीददारी की आदत, 'ई-शॉपिंग' क्रांति के मुहाने पर भारत!

 

कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से पिछले कुछ माह के दौरान हमने कई बदलाव देखे हैं। इनमें एक बड़ा बदलाव लोगों की खरीददारी की आदतों और पैटर्न में भी हुआ है। बाजारों मंे भीड़ से बचने और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के मद्देनज़र भारत में ऑनलाइन शॉपिंग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। अगर हम केवल इस त्योहारी सीजन की बात करें तो शोध फर्म रेडसीर की एक रिपोर्ट के अनुसार इस सीजन में ई-प्लेटफॉर्म्स के जरिए खरीददारी में बीते साल के त्योहारी सीजन की तुलना में 65 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान कुल मिलाकर 830 करोड़ डॉलर यानी करीब 61,000 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है। यह इस बात का संकेत है कि भारत अब ई-कॉमर्स या ई-शॉपिंग की क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। अच्छी बात यह है कि ये क्रांति छोटे व्यापारियों व उद्यमियों के हितों की कीमत पर नहीं, बल्कि उनके साथ व उनके सहयोग से ही होगी।

ग्रोथ की क्या हैं वजह?

1. कोरोना की आपदा बदली अवसर में : कोरोना महामारी इस ग्रोथ की बड़ी वजह तो है ही। संक्रमण के डर से लोग बाजारों में जाने से बच रहे हैं। ऑनलाइन ही उत्पादों के कैटलॉग चेक करने और एक क्लिक पर सामान की डिलिवरी घर तक होने या स्टोर पर ही नियत समय पर उसे पिक करने की सुविधा ने बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर तो लोगों की सक्रियता को बढ़ाया ही है। लेकिन बड़ी बात यह है कि अब छोटे व्यापारी और किराना स्टोर्स के मालिक भी अपने ग्राहकों को डिजिटल और होम डिलिवरी की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की जरूरत को महसूस कर रहे हैं। इसलिए वे भी बड़ी तेजी से डिजिटल पैमेंट और वॉलेट इंटीग्रेशन को अपना रहे हैं। बड़े कारपोरेट ब्रांड्स के अलावा कई क्षेत्रीय ब्रांड्स ने भी अपने क्षेत्र की दुकानों को ई-कॉमर्स के साथ जोड़ा है।

2. सस्ते मोबाइल व डेटा पैक ने बढ़ाई पहुंच : इसी साल फरवरी में पेपल की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 10 मंे से 7 व्यक्ति मोबाइल के जरिए ही खरीददारी करते हंै। इसलिए हमारे यहां कुल ऑनलाइन बिक्री में 51 फीसदी मोबाइल के जरिए हो रही है। छोटे शहरों और कस्बों में भी मोबाइल और इंटरनेट तक लोगों की बढ़ती पहुंच इसकी बड़ी वजह है। चूंकि मोबाइल और डेटा पैकेज दोनों सस्ते हुए हैं। इस वजह से इंटरनेट इस्तेमाल का समय बढ़ा है। इससे उन लोगों तक भी उत्पादों और उनसे जुड़ी सेवाओं की जानकारियां पहुंचने लगी हैं जो कुछ साल पहले तक उपलब्ध नहीं थी। इस कारण छोटे शहरों के उपभोक्ताओं में भी गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जीने की महत्वाकांक्षा जागी है। यह महत्वाकांक्षा पूरी हो रही है ई-कॉमर्स के प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध ढेरों विकल्पों के जरिए।

भविष्य में क्या होगा?

1. बुनियादी ढांचे में सुधार से बढ़ेगा व्यापार : ई-कॉमर्स क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में लगातार सुधार हो रहा है। दो बड़े कारपोरेट्स समूह जियो मार्ट और टाटा के भी इस क्षेत्र में उतरने से ई-कॉमर्स के पूरे इको सिस्टम में बदलाव होगा। इससे डिलिवरी का बुनियादी ढांचा बेहतर बनेगा तो हर सर्विस प्रोवाइडर अपनी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करवा सकेगा और उपभोक्ताओं को शॉपिंग के अच्छे अनुभव मिल सकेंगे। ई-कॉमर्स कंपनियों को बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में सुधार के लिए 4.32 अरब डॉलर का निवेश हासिल हुआ है। बुनियादी ढांचे में सुधार की बदौलत साल 2021 तक भारत में ई-कॉमर्स के व्यापार के 84 अरब डॉॅलर (लगभग 6175 अरब रु.) तक पहुंचने की संभावना है। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि इसमें छोटे-बड़े सभी प्लेयर्स के लिए मौके रहेंगे।

2. छोटे व्यापारियों को जोड़ने की कवायद : अक्सर इस बात की शिकायत की जाती है कि ई-कॉमर्स बिजनेस में बढ़ोतरी से छोटे व्यापारियों के हित प्रभावित होंगे। लेकिन अब छोटे व्यापारियों की इस चिंता को अमेजन जैसे बड़े प्लेटफॉर्म समझने लगे हैं। कुछ अरसा पहले ही अमेजन ने छोटे व्यापारियों को डिजिटली सक्षम बनाने के मकसद से एक अरब डॉलर के निवेश की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी। जियो मार्ट पहले से ही छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के लिए बुनियादी सुविधाओं के सुधार पर व्यापक निवेश की योजना की घोषणा कर चुका है। किराना किंग जैसे क्षेत्रीय प्लेटफॉर्म राजस्थान में हजारों किराना स्टोर्स को अपने साथ लाए हैं। इससे छोटे किराना स्टोर्स भी ई-कॉमर्स नेटवर्क का हिस्सा बनकर अपने उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी कर सकेंगे।

50% ग्राहकों ने बदली खरीददारी की आदत

- नेशनल रिटेल फेडरेशन (एनआरएफ) के एक सर्वे के अनुसार भारत में 50 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं ने पारंपरिक खरीददारी की आदत में बदलाव किया है। अब वे ऑनलाइन भी उत्पाद खरीदने लगे हैं।

- 10 में से 6 उपभोक्ताओं का कहना है कि वे संक्रमण के डर से स्टोर्स में जाने से बच रहे हैं और इसलिए जरूरी चीजें ऑनलाइन ही ऑर्डर कर रहे हैं। लेकिन अभी के इस डर के बाद में आदत में बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

- भारत में एफटीयू (फर्स्ट टाइम यूजर्स) यानी पहली बार ऑनलाइन खरीददारी करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। ये उपभोक्ता खासकर किराना के सामान की खरीददारी ऑनलाइन करने लगे हैं।

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