*जिले में 624 हेक्टेयर गौचर भूमि विकास हेतु लक्ष्य निर्धारित*
इंदौर 15 दिसम्बर, 2020
राज्य शासन द्वारा गौशाला परियोजना में प्रस्ताव तैयार करने के लिये एसडीएम की अध्यक्षता में अनुविभाग स्तरीय का प्रावधान किया गया है। कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा प्रत्येक अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय गौशाला परियोजना क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है। समिति में एसडीएम अध्यक्ष, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, अनुविभागीय अधिकारी वन, सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विद्युत मण्डल, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, वरिष्ठ उद्यान अधिकारी, विकाखण्ड प्रबंधक आजिविका मिशन सदस्य मनोनीत किये गये है तथा सीईओ जनपद सदस्य सचिव और पशुचिकित्सा विस्तार अधिकारी सहसचिव मनोनीत किये गये हैं।
*अनुविभागीय स्तरीय समिति के दायित्व*
गौशाला के निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल चयन कर जिला समिति को प्रस्तावित करना, गौशाला निर्माण एवं संचालन की सतत निगरानी एवं अनुश्रवण, विभागों के बीच समन्वय एवं स्थानीय समस्याओं का निराकरण, जिला स्तरीय समिति के निर्देशों का पालन करना है। गौशाला परियोजना के निर्देशानुसार एसडीएम के क्षेत्र में स्वीकृत एवं निर्मित गौशालाओं की सतत मॉनिटरिंग करते हुये उक्त समिति के माध्यम से सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगे, एवं वर्तमान वर्ष के लिये जनपद के लक्ष्य अनुसार नवीन गौशाला निर्माण के प्रस्ताव सात दिवस में कलेक्टर को सीईओ जिला पंचायत के माध्यम से प्रेषित करना सुनिश्चित करे। वर्ष 2020-21 के लिये प्रति जनपद 7 प्रस्ताव गौशाला निर्माण के लिये प्रेषित करना है। इस हेतु नवीन गौशाला के साथ ही गौपालन बोर्ड में पंजीकृत गौशालाओं के विस्तार कार्य भी लिये जा सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग निर्देशानुसार “मुख्यमंत्री गौचर भूमि विकास योजना” "अंतर्गत गौचर भूमि में चारागाह विकास के लिये अनुभाग स्तरीय समिति को प्रति पंचायत में पांच हेक्टर गौचर भूमि प्रस्तावित करना है। उक्त भूमि में प्रति हेक्टयर पांच वर्ष में 7.9 लाख रूपये लागत से बहुवर्षीय घास नेपियर गिनी प्रजाति घास के कार्य स्वीकृत किये जाना है, जिससे ग्रामों में चारा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त हो सकेगी। अतः योजना मे ऐसी भूमि प्रस्तावित की जाये, जिसमें बहुवर्षीय घास लगाई जा सके एवं यह भूमि सिंचित हो या मनरेगा से कूप या तालाब निर्माण द्वारा सिंचाई की व्यवस्था की जा सके। राज्य शासन के निर्देशानुसार चारागाह विकास के लिये एसडीएम के क्षेत्र में उपयुक्त भूमि का चयन एवं सीमांकन की कार्यवाही अभियान रूप में 15 दिवस में पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये हैं।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री जय किसान उपयोजना के निर्देशों के अनुसार मनरेगा के लक्षित वर्ग के हितग्राहियों की बंजर या पड़त भूमि को कृषि योग्य भूमि में परिवर्तित करने के कार्य लिये जा सकते हैं, जिसके लिये जिले को 624 हेक्टेयर क्षेत्र में उक्त उपयोजना के कार्य कराये जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। निर्देशों की कण्डिका-5 के अनुसार योजना में प्रकरण स्वीकृति के पूर्व पात्र हितग्राहियों की प्रस्तावित सूची पर जिला कलेक्टर से अनुमति प्राप्त की जाना है। मनरेगा पात्र हितग्राहियों की प्रस्तावित भूमि के बंजर या पड़त होने संबंधी सत्यापन क्षेत्र के पटवारियों से करवाकर प्रत्येक जनपद के लिये लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों की सूची अनुमोदन हेतु 15 दिवस में अनिवार्य रूप से प्रेषित करने के निर्देश दिये गये हैं।
राज्य शासन द्वारा गौचर भूमि विकास हेतु जनपद पंचायत देपालपुर को 130 हेक्टेयर, जनपद पंचायत इंदौर को 52 हेक्टेयर, जनपद पंचायत महू को 312 हेक्टेयर और जनपद पंचायत सांवेर को 130 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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