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खाद्य सामग्री बनाते और बेचते समय फूड सेफ्टी कानूनों का पालन जरूरी है। सेव-नमकीन से जुड़े व्यापारी नियमों का पालन करें

 

यहां आए व्यापारियों ने शुद्धता के साथ सेव सहित अन्य खाद्य पदार्थ बनाने की शपथ ली

खाद्य सामग्री बनाते और बेचते समय फूड सेफ्टी कानूनों का पालन जरूरी है। सेव-नमकीन से जुड़े व्यापारी नियमों का पालन करें। घातक पदार्थों का नमकीन में इस्तेमाल न करें। जिला प्रशासन और व्यापारियों के बीच संवाद जरूरी है। प्रशासन कमेटी का गठन करे, जो व्यापरियों की शंका का समाधान करे। चिप्स और नमकीन निर्माण में अच्छी क्वालिटी का आलू, बेसन और मसाला इस्तेमाल जरूरी है।

नमकीन में इस्तेमाल होने वाला तेल तीन बार से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। बार-बार इस्तेमाल होने वाला तेल कैंसर कारक बनता है। मिक्चर में तेल के तीन बार इस्तेमाल के बाद तेल बेच देना चाहिए, उससे बायो डीजल बनता है। यह बात मंगलवार को सांसद शंकर लालवानी ने ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर में हुई कार्यशाला में कही। कलेक्टर मनीष सिंह ने आलू, चिप्स, सेव, नमकीन व्यापारियों से कहा कि वे नैतिक जिम्मेदारी महसूस करें। सेव, नमकीन, चिप्स आदि में मिलावट और गंदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत व्यापारी ठीक से काम कर रहे हैं। गैर कानूनी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सेव मिक्चर के मामले में इंदौर को देश में नंबर -1 बनाना है। मुहिम में व्यापारियों का सहयोग जरूरी है। व्यापारी खतरनाक रसायनों और मिलावटी मसालों का उपयोग बंद करें।

उन्होंने कहा कि लाभ कमाने के लिए शाॅर्टकट अपनाना उचित नहीं है। शाॅर्टकट के चक्कर में लोगों को जिंदगी में कैंसर जैसी घातक बीमारी हो रही हैं। माल शुद्ध हो और ब्रांडेड हो तो उसकी पहचान देश- विदेश में बनती है। इंदौर ब्रांड नमकीन की पूरी दुनिया में मांग होनी चाहिए। प्रशासन द्वारा व्यापारियों की शंका समाधान के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा।

यह सावधानी जरूरी

  • खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञ रामनाथ सूर्यवंशी ने कहा कि आलू चिप्स बनाने के लिए आलू को गरम पानी से धोना चाहिए। खुले खेत में सोलर डायर में सुखाना चाहिए। मिक्चर फैक्ट्री के आस-पास साफ-सफाई होना चाहिए। घर में मसाला पीसना चाहिए। फैक्टरी में शौचालय होना चाहिए और पेस्ट कंट्रोल करना चाहिए। चूहा और मक्खी नहीं होना चाहिए। फैक्टरी में कच्चा माल और पक्का माल नीचे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। फैक्टरी हर साल रंगाई-पुताई होनी चाहिए। फैक्टरी के कर्मचारी ड्रेस में होने चाहिए। उनके सिर में टोपी, पैर में जूते और सीने पर स्कार्फ जरूरी है।
  • खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञ यशी श्रीवास्तव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मीठा सोडा इस्तेमाल कर सकते हैं। मिलावटी खाद्य पदार्थ पर कार्रवाई की जाती है। हींग, मिर्च, नमक, हल्दी सभी शुद्ध होने चाहिए। खाने-पीने की सामग्री जमीन पर रखने से उसमें नमी आ जाती है। फर्श पक्की होनी चाहिए। बिना प्रशिक्षण के नमकीन व्यवसाय नहीं करना चाहिए। नमकीन व्यवसायों के लिए लाइसेंस जरूरी है।

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