मध्यप्रदेश भू-संपदा अपीलीय अधिकरण, भोपाल (रिएट) में वीडियो कांफ्रेंससिंग के माध्यम से ऑनलाइन नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत के लिए गठित की गई खण्डपीठ के न्यायमूर्ति श्री सुभाष काकड़े (म.प्र. उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश), सदस्यगण श्री जे. एस. परमार, अधिवक्ता एवं श्री विजय कुमार सहगल, अधिवक्ता के समक्ष कुल 9 प्रकरण प्रस्तुत किए जिनमें से मैसर्स चिनार रिएलिटी प्राइवेट विरूद्ध उमेश खत्री, मैसर्स प्रशांत सागर बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स एवं अन्य विरूद्ध संदीप कुमार सरोड़े, मैसर्स प्रशांत सागर बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स एवं अन्य विरूद्ध सुनील कुमार दुबे, अशुतोष गुप्ता विरूद्ध श्री आदिनाथ डेवलपर्स एवं डी अशोक कुमार एवं अन्य विरूद्ध मैसर्स भोजपाल बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स एवं अन्य कुल 5 प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति से किया गया।
निराकरण किये गये प्रकरण काफी दिनों से न्यायिक प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रचलन में थे। आपसी सहमति से निराकृत किये गये प्रकरण एक करोड़ आठ लाख छियासी हजार रूपये की लेनदारी से संबंधित थे। प्रकरणों का आपसी निपटरा होने पर पक्षकारगण एवं उनके अभिभाषक गणों ने म.प्र. भू-संपदा अपीलीय अधिकरण (रिएट) की सराहनीय पहल पर प्रसन्नता एवं आभार व्यक्त किया है। भविष्य में भी मध्यस्था कार्यवाही, लोक अदालतों के आयोजन एवं अधिकरण की क्रियाशील सहभागिता को भू-परिसम्पतियों के प्रकरणों के निराकरण के लिए आवश्यक बताया गया तथा उक्त आयोजन में सक्रिय रूचि दिखाई गई।
नेशनल लोक अदालत पीठ के साथ सदस्य (न्यायिक) श्री अरविन्द मोहन सक्सेना एवं सदस्य (प्रशासनिक) श्री जितेन्द्र शंकर माथुर की गरिमामयी उपस्थिति रही।
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