दूरसंचार कंपनियों की सेवाओं से ग्राहक संतुष्ट नहीं हैं। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने हाल ही में जारी अपनी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) रिपोर्ट में बताया कि मप्र में 1 जनवरी से 31 अगस्त 2020 तक हर दिन 14,208 लोगों ने काॅल ड्रॉप और कमजोर वॉइस क्वॉलिटी के चलते अपनी सेवा प्रदाता कंपनी बदली।
सिर्फ अगस्त में ही 7.9 लाख ग्राहकों ने (हर दिन 26333) मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन दिया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले माह में इनकी संख्या और बढ़ेगी। ट्राई के मुताबिक ऐसी कोई कंपनी नहीं है जिसके ग्राहक सभी सेवाओं से संतुष्ट हों।
कब-कितनी एमएनपी
माह एमएनपी कुल टेलीफोन धारक
जनवरी 3.151 7.46
फरवरी 3.20 7.43
मार्च 3.261 7.52
अप्रैल 3.267 7.48
मई 3.289 7.458
जून 3.337 7.456
जुलाई 3.413 7.532
अगस्त 3.492 7.531
सितंबर में 13.27% लोगों ने कहा- वॉइस की गुणवत्ता खराब रही
माय कॉल एप पर सितंबर माह में 294 लोगों ने फीडबैक दिया। 17.1% ने कॉल ड्रॉप होने की शिकायत की। 13.27% या 39 लोगों ने कहा कि बातचीत के दौरान वाइस की गुणवत्ता बेहद खराब रही।
यह फीडबैक देने वालों में 57.8% ग्राहक रिलायंस जियो के थे, जबकि 20.4% ग्राहक बीएसएनएल के, 13.6% ग्राहक एयरटेल के, 8.1% ग्राहक वोडाफोन-आइडिया के थे।
मप्र में ज्यादा असंतुष्ट ग्राहक
मप्र में असंतुष्ट ग्राहकों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। ट्राई ने ग्राहकों से सीधे फीडबैक लेने के लिए मायकॉल एप बनाया है। इसके फीडबैक देने वाले मप्र के 17% टेलीकॉम ग्राहकों ने बातचीत के बीच फोन कट जाने की शिकायत की। 13.27% ग्राहकों ने कहा कि बातचीत के दौरान आवाज की गुणवत्ता बेहद कमजोर थी। बता दें कि मप्र में प्रति 100 व्यक्तियों पर 67.7 फोन है। यह उप्र और बिहार के बाद देश में सबसे कम है। देश में प्रति 100 व्यक्तियों पर 86.23 फोन हैं।
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