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प्रशासन खाद्य विभाग के साथ मिलकर मिलावटखोरों पर लगातार कार्रवाई काॅली मिर्च को केमिकल और ऑइल से चमकाने का करते थे


मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत प्रशासन खाद्य विभाग के साथ मिलकर मिलावटखोरों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। गुरुवार को टीम ने महू और राऊ में भी दो फैक्ट्रियों में दबिश दी, जहां काली मिर्च को ऐसे तेल से चमकाने का काम किया जा रहा था, जो खाने योग्य नहीं था। टीम ने फैक्ट्री को सील कर सैंपलों को जांच के लिए लैब में भिजवाया है


टीम ने सबसे पहले महू के पास उमरिया गांव में काली मिर्ची में मिलावट की सूचना पर फैक्ट्री में दबिश दी। यहां पर काली मिर्ची में पॉलिश कर मैदा मिलाकर वजन बढ़ाने का काम करते थे। इसके अलावा टीम राऊ में बालाजी ट्रेडर्स में भी जांच के लिए पहुंची। यहां पर केमिकल से काली मिर्ची को चमकाने का काम चल रहा था। टीम ने जांच के लिए फैक्ट्री से सैंपल लिए और उसे सील कर दिया।


कलेक्टर बोले- गंभीर मामला आने पर क्रिमिनल केस बनेगा
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि यहां पर भारी मात्रा में काली मिर्च का स्टाॅक और छह ड्रम ऑइल मिला है। ऑइल जो मिला है वह खाने योग्य नहीं है। यहां से स्टार्च भी मिला है। पता चला है कि ये लोग काली मिर्च काे बिना किसी लाइसेंस के यहां पॉलिसिंग कर बेचते थे। ये खराब क्वालिटी की काली मिर्च को भी अच्छी क्वालिटी का बनाकर खपाते थे


खाद्य विभाग की भोपाल लैब से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकार से मिनरल ऑइल में पॉलिसिंग करना प्रतिबंधित है। ये सब चीजें स्लो फूड प्वाइजनिंग की कैटेगरी में आती है जो शरीर के लिए हानिकारक है। काली मिर्च की प्रोसेसिंग भी यहां अवैध तरीके से की जा रही थी। किसी दूसरे लाइसेंस पर यह काली मिर्च पॉलिसिंग का काम कर रहा था। अभी सिविल कैटेगरी की कार्रवाई की जा रही है। यदि मामला गंभीर रहा तो क्रिमिनल केस भी दर्ज किया जाएगा।


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