- मेडिकल कॉलेजों की सील लगे कई सरकारी दस्तावेज भी बरामद, कॉलेजों के भी कुछ लोगों के शामिल होने के सुराग मिले
मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं। आरोपी सचिन उत्तराकर(40) और शंकर मानवटकर(34) दोनों निवासी विश्वाहंस सेक्टर 35 खारधर (नवी मुंबई महाराष्ट्र) से एसटीएफ एसपी सहित तीन टीआई ने पांच से छह घंटे पूछताछ की। इसमें पता चला है कि ये बदमाश बड़े कोचिंग संस्थानों से डेटा चुराकर विद्यार्थियों से संपर्क करते थे। उन्हें नीट में पूछ जाने वाले प्रश्न उपलब्ध कराकर सरकारी कॉलेज में एडमिशन का झांसा देते। 10 सालों में ये सात राज्यों के 100 से ज्यादा लोगों के साथ इसी तरह ठगी कर चुके हैं। इनके पास से मेडिकल कॉलेजों की सील लगे कई सरकारी दस्तावेज भी मिले हैं। इससे कॉलेजों के भी कुछ लोगों के इसमें शामिल होने के सुराग मिले हैं।
सात राज्यों तक फैला है जाल
ये बोलकर फंसाते थे जाल में- डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस के कोटे से करवाएंगे कॉलेज में एडमिशन एसपी मनीष खत्री ने बताया कि आरोपी स्टूडेंट्स के डेटा चुराने के बाद उन्हें फोन करते थे। परिजन को झांसे में लेने के लिए उन्हें डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस के कोटे में एडमिशन दिलाने का दावा करते। फर्जी पेपर व डाक्यूमेंट दिखाते जिससे लोग भरोसा कर लेते। धोखाधड़ी के लिए फ्लाइट से यात्राएं कर सीधे स्टूडेंट या उनके परिजन तक पहुंचते और सौदेबाजी करते। इंदौर में अजय जैन व झाबुआ के अनिल श्रीवास्तव तक ये ऐसे ही पहुंचे।
विदेश में पढ़ाई के नाम पर भी लाखों की धोखाधड़ी
आरोपियों ने पहले गुड़गांव में ऑफिस डाला। यहां कई लोगों से धोखाधड़ी की। जब लोग पीछे पड़े तो कुछ के रुपए वापस भी किए। इसके बाद 2015 में मुंबई में मीरा रोड पर ‘एशिया पेसिफिक एजुकेशन काउंसलिंग ऑफ हायर एजुकेशन’ के नाम फर्म बनाई। 2016 में यहां कई बच्चों से विदेश में पढ़ाई के नाम पर धोखाधड़ी की।
बड़ा सवाल- कैसे पता चला बच्चे नीट दे रहे हैं
आरोपियों ने इंदौर के ऑटो मोबाइल टूल्स फैक्ट्री संचालक अजय कुमार जैन से यह कहकर संपर्क किया कि आपकी बेटी नीट दे रही है। हम उसे 70 से 80 प्रश्न उपलब्ध करा देंगे। झाबुआ के मेडिकल कारोबारी अनिल श्रीवास्तव से भी ऐसे ही ठगी की। पुलिस उन कोचिंग की भी पड़ताल करेगी, जिनसे डेटा लीक हुआ है।
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