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कोवीशील्ड बाजार में 1000 रु. में मिलेगी:सीरम इंस्टीट्यूट के CEO बोले- आम आदमी के लिए सरकार को शुरुआती 10 करोड़ डोज 200 रु. के स्पेशल रेट पर देंगे

 

फोटो पिछले साल नवंबर की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया गए थे। तब उन्होंने अदार पूनावाला (दाएं) के क्लीन सिटी मूवमेंट की भी तारीफ की थी।

पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से कोवीशील्ड के 56.5 लाख डोज देश के 13 शहरों के लिए रवाना हो गए हैं। सीरम के CEO अदार पूनावाला ने इसे ऐतिहासिक पल बताया है। उन्होंने कहा कि हमारी चुनौती देश के हर नागरिक तक वैक्सीन को पहुंचाने की है। 2021 में यही चैलेंज है और देखते हैं कि ये कैसे पूरा होता है।

पूनावाला कहा कि हम सरकार की रिक्वेस्ट पर शुरुआती 10 करोड़ डोज 200 रुपए के स्पेशल प्राइस पर देंगे। हम आम आदमी, जरूरतमंदों, गरीबों और हेल्थकेयर वर्कर्स को सपोर्ट करना चाहते हैं। इसके बाद हम बाजार में ये वैक्सीन एक हजार रुपए के दाम पर बेचेंगे।

हर महीने 7 से 8 करोड़ डोज तैयार करेंगे- पूनावाला
उन्होंने कहा, 'बहुत सारे देश भारत और PMO को रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन उनके देशों में भी सप्लाई की जाए। हम हर किसी को खुश देखना चाहते हैं। हमें अपनी जनता और देश का ध्यान भी रखना है। हम साउथ अफ्रीका और साउथ अमेरिका में वैक्सीन सप्लाई करने की कोशिश कर रहे हैं। हम हर जगह कुछ न कुछ कर रहे हैं। हम हर महीने 7 से 8 करोड़ डोज तैयार करेंगें। भारत और विदेशों में इनमें से कितनी डोज दी जाएंगी, इस योजना पर काम चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने योजना बनाई है। हमने भी ट्रक, वैन और कोल्ड स्टोरेज के लिए प्राइवेट प्लेयर्स से पार्टनरशिप की है।'

कितनी प्रभावी है कोवीशील्ड?
कोवीशील्ड के दो डोज 28 दिन के अंतर में लगाए जाएंगे। दूसरा डोज देने के दो हफ्ते बाद शरीर में कोरोना से बचाने वाली एंटीबॉडी बन जाएंगी। कोवीशील्ड के ट्रायल के दौरान जो नतीजे आए हैं, उनके मुताबिक इसका हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% रही। एक महीने बाद फुल डोज में इफिकेसी 62% रही। दोनों तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। ब्रिटिश रेगुलेटर्स ने इसे 80% तक इफेक्टिव माना है।

कोवीशील्ड के अलावा और कौन सी वैक्सीन है?
सरकार ने सीरम की कोवीशील्ड के 1.10 करोड़ डोज और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के 38.50 लाख डोज का ऑर्डर दिया है। PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में बताया कि चार और वैक्सीन प्रोसेस में हैं। अमेरिका की कंपनी फाइजर भी वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई कर चुकी है। अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला ZyCoV-D नाम से वैक्सीन बना रही है। इसे आने में कम से कम तीन महीने का वक्त लग सकता है। इसके अलावा रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट की बनाई स्पुतनिक V का देश में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी फेज-2/3 ट्रायल्स कर रही है।

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