गरीबों के गेहूं, चावल, नमक, केरोसिन आदि में हेराफेरी कर उसे खुले बाजार में बेचने का घोटाला करोड़ों रुपए का होने की आशंका है। जिला प्रशासन द्वारा 13 राशन दुकानों की प्रारंभिक जांच में सामने आ रहा है कि यहां से ही करीब 1400 क्विंटल अनाज गरीबों को नहीं देकर उसे पैक कर खुले बाजार में बेच दिया गया। यही अनाज 50 लाख से ज्यादा की कीमत का होता है। प्रशासन की जांच में सामने आया है कि भरत दवे और इसके परिवार के पास जिले में सौ से ज्यादा उचित मूल्य की दुकानें हैं। इन दुकानों पर आने वाले गरीब हितग्राहियों से अंगूठा तो पूरे अनाज कोटे पर लगवाया जाता था, लेकिन वास्तविकता में काफी कम अनाज दिया जाता था।
इस तरह बचे हुए अनाज को खुले बाजार में बेच दिया जाता था। प्रशासन को इस बात की भी जानकारी मिली है कि इस घोटाले में विभाग के अधिकारियों को भी बड़ा हिस्सा जाता था। इसके चलते निलंबित किए गए जिला आपूर्ति नियंत्रक आरसी मीणा ने राशन दुकानों पर कार्रवाई के दौरान अधीनस्थों को फोन कर जांच नहीं करने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों पर दबाव बनाया कि वह दुकानों से दस्तावेज व पीओएस मशीन की जब्ती नहीं करें। इस दौरान वे भरत दवे और प्रमोद दहीगुड़े से निरंतर संपर्क में थे और मोबाइल पर लगातार बात कर रहे थे।
गंदगी के बीच जले तेल में ही बना रहे थे सेव और नमकीन
इंदौर | गुरुवार को मेसर्स प्रेमाइट वेंचर्स लैकपार्क कॉलोनी तेजपुर गड़बड़ी पर खाद्य विभाग ने छापा मारा। यहां पर बिना लाइसेंस के नमकीन का कारखाना संचालित हो रहा था। गंदगी के बीच जले हुए तेल से ही सेव व नमकीन तैयार किया जा रहा था। तेल और नमकीन के आठ नमूने लिए और आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है।
एडीएम अभय बेड़ेकर ने बताया कि संचालक पंकज वाधवानी पर खाद्य लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन कर एकनाथजी नमकीन, इंदौर श्री नमकीन, भैयाजी नमकीन का बिना पैकिंग नियमों का विक्रय करने पर कार्रवाई की गई। एकनाथजी खट्टा मीठा मिक्चर, एकनाथ जी फीकी सेंव, इंदौर श्री नमकीन, भैय्या जी नमकीन, एकनाथ जी नमकीन, रिफाइंड कॉटन ऑइल आदि के नमूने लिए गए।
0 टिप्पणियाँ