जम्मू कश्मीर की बर्फ से ढंकी वादियों को देखने के लिए यह सबसे मुफीद मौसम है। श्रीनगर में सर्दी ने 25 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। टूरिस्ट के ग्रुप सड़क मार्ग से कश्मीर देखने के लिए निकले हैं। लेकिन, कश्मीर की बर्फ के रोमांच पर बंद हाईवे भारी पड़ रहा है। कश्मीर को देश से जोड़ने वाला एकमात्र हाईवे बर्फबारी और लैंड स्लाइडिंग के चलते बंद है।
हजारों गाड़ियां हाईवे पर फंसी हैं। यह हर साल की समस्या है। लेकिन, इस साल जनवरी के बीते 15 दिन में यह हाईवे सिर्फ चार दिन के लिए खुला है। मौसम को देखते हुए हाईवे के अगले 10 दिन भी खुलने की संभावना नजर नहीं आ रही है। फिलहाल, अगर आप कश्मीर जाना चाहते हैं तो हवाई मार्ग ही एकमात्र रास्ता है।
वादी की खूबसूरती पर भारी पड़ जाता है बंद हाईवे
कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला अकेला हाईवे बर्फबारी में टूरिस्ट्स के लिए बेहद खतरनाक हो जाता है। जम्मू से श्रीनगर को जोड़ने वाले इस हाईवे की लंबाई 270 किमी है। लेकिन, जम्मू के रामबन जिले में 20 से 30 किमी का रास्ता यात्रियों के लिए सर्दियों के दौरान सबसे ज्यादा मुसीबत पैदा करता है।
इस बार साल शुरू होते ही बर्फ ने कश्मीर में दस्तक दी। जिसके बाद पूरे देश के सैलानियों ने गुलमर्ग, पहलगाम, जम्मू के पटनीटॉप और सनासर का रुख किया। लेकिन, बर्फबारी के इस रोमांच पर लैंड स्लाइड भारी पड़ा। 4 जनवरी से ही कश्मीर हाईवे बंद है और टूरिस्ट जहां-तहां फंसे हैं।
हाईवे बंद होने के बाद टूरिस्ट जहां-तहां फंस जाते हैं। हाईवे खुलने के लिए एक-दो दिन का इंतजार करते हैं। इस बार यह इंतजार लंबा हो रहा है। अगले दस दिन तक इसके खुलने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में टूरिस्ट वापस जम्मू लौट रहे हैं। दिल्ली के विनीत अपने दोस्तों के साथ कश्मीर जाने के लिए निकले थे। लेकिन हाईवे बंद होने के कारण रामबन में फंस गए। वे बताते हैं, 'एक छोटे से होटल में हमने बेहद सर्द रातें गुजारीं। वहां न खाने का ठीक इंतजाम, न रहने का। इंटरनेट, फोन के सिग्नल कभी आते तो कभी नहीं। सर्दियों में बाई रोड कश्मीर घूमने का पूरा प्लान चौपट हो गया।'
जालंधर के विजय मेहता भी हाईवे बंद होने से निराश हैं। वे बताते हैं, मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ कश्मीर में बर्फबारी एंजॉय करने निकला था। सड़क बंद होने के कारण अब कश्मीर नहीं जा पाएंगे। पटनीटॉप में दो दिन रहकर वापस हो जाएंगे।' टूरिस्ट के बाद इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी होती है ट्रक ड्राइवरों को। पंजाब से कश्मीर जा रहे ड्राइवर बिशन सिंह कहते हैं, 'सर्दी में यह हाइवे नर्क है। 270 किलोमीटर के सफर को तय करने में कई कई बार एक हफ्ते या उससे भी ज्यादा अधिक का समय लगता है। कई बार पीने के पानी तक की किल्लत हो जाती है। वे कहते हैं, 'जम्मू या उधमपुर में फंस गए तो ठीक। अगर कहीं रामबन में अचानक हाइवे बंद हुआ तो फिर हालात बद से बदतर हो जाते हैं।
फिलहाल 300 छोटी-बड़ी गाड़ियां फंसी हैं
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, फिलहाल हाईवे पर 3000 छोटी-बड़ी गाड़ियां फंसी हैं। इनमें से 300 से 400 निजी गाड़ियां हैं। जिनमें बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं भी हैं। ज्यादातर गाड़ियां टूरिस्ट्स की और कुछ स्थानीय लोगों की हैं। ट्रैफिक पुलिस और बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन (BRO) के लोग एक जगह हाईवे खुलवाते हैं, तब तक दूसरी जगह लैंड स्लाइड हो जाता है। फिलहाल जम्मू के रामबन के केला मोड़ पर एक पुल ढह जाने से रास्ता बंद है।
कलेक्टर हरबंस शर्मा बताते हैं, 'हालांकि जब भी हाइवे बंद होता है अचानक से बहुत सी गाड़ियां फंस जाती हैं। लेकिन इस बार प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस खराब मौसम और बर्फबारी के चलते पैसेंजर गाड़ियों को वापस लौटा रहा है। जरूरी सामान जैसे फ्रूट और राशन लेकर जा रहे ट्रकों को खाली करवाकर सामान को इधर से उधर की गाड़ियों में भरकर जम्मू और श्रीनगर की और भेजा जा रहा है। जम्मू से आ रही गाड़ियों को उधमपुर में और कश्मीर से आ रही गाड़ियों को काजीगुंडा से पहले ही रोका जा रहा है। जम्मू -कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने भी भारी बर्फबारी को प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है। जिसके तहत 4x4 के रेस्क्यू वाहन और एंबुलेंस तत्काल प्रभाव से सभी जिलों को दिए जाएंगे।
क्या है इससे निजात का रास्ता
इस हाईवे को आल वेदर सड़क बनने का एकमात्र रास्ता है जम्मू के बनिहाल से कश्मीर के काजीगुंड को जोड़ने वाली 8.2 किलोमीटर लम्बी टनल का बनना। इस टनल को बनाने का काम 2011 से चल रहा है। 2100 करोड़ की लागत से बनने वाली यह टनल कश्मीर से जम्मू की दूरी को 35 किमी कम करेगी। साथ ही हाईवे बंद होने की दिक्कतों से भी राहत मिलेगी। उम्मीद है कि इस साल इस टनल का काम पूरा हो जाएगा।
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