22 साल के ऋषभ गर्ग और 21 साल के लकी रोहिल्ला, दोनों NIT कुरुक्षेत्र के फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं। कॉलेज के सेकंड ईयर में दोनों ने मिलकर एक ऐप डेवलप किया लेकिन, वो ज्यादा चला नहीं तो चार महीने बाद उसे बंद कर दिया। थर्ड ईयर में 6 महीने की इंटर्नशिप का वक्त आया, इस सेमेस्टर में पढ़ाई नहीं होनी थी। लकी और ऋषभ ने सोचा कि क्यों न कुछ अपना स्टार्टअप ट्राई किया जाए। मार्च 2020 में एक आइडिया पर काम करना शुरू किया और कुछ ही महीनों में quantel.in नाम से एक प्लेटफॉर्म तैयार किया। जहां इंडस्ट्री के एक्सपर्ट स्टूडेंट्स के साथ वन-टू-वन बातचीत के जरिए उनकी प्रॉब्लम्स को समझ कर उन्हें पर्सनल गाइडेंस और साॅल्यूशन देते हैं।
अपने इस एडटेक स्टार्टअप में लकी और ऋषभ ने 1500 रुपए का इन्वेस्टमेंट किया था, यह इन्वेस्टमेंट वेबसाइट होस्टिंग के लिए था। इसके अलावा कंपनी रजिस्ट्रेशन कराने में जो खर्च आया, वो भी दोनों ने अपनी सेविंग्स से ही दिया। स्टार्टअप शुरू होने के चार महीने बाद ही उन्हें कैलिफोर्निया से 15 लाख रुपए एंजल फंडिंग भी मिल गई और आज उनकी कंपनी की वैल्यू ढाई करोड़ रुपए पहुंच गई है।
स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम को समझ कर एक्सपर्ट उन्हें पर्सनल गाइडेंस देते हैं
ऋषभ बताते हैं, ‘12वीं के बाद चाहे सब्जेक्ट चुनने में प्रॉब्लम हो, या फिर ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद इंटर्नशिप और नौकरी को लेकर परेशानी हो। या फिर पढ़ाई करते हुए इंडस्ट्री के वर्क कल्चर के बारे में जानना हो। इन सभी विषयों को ध्यान में रखते हमने quantel.in नाम का प्लेटफॉर्म तैयार किया और इस पर इंडस्ट्री के अलग-अलग क्षेत्र के एक्सपर्ट के साथ सहभागिता की। इस प्लेटफॉर्म के जरिए स्टूडेंट्स इंडस्ट्री के एक्सपर्ट के साथ वन-टू-वन बातचीत कर सकते हैं, अपने सवाल पूछ सकते हैं और एक्सपर्ट, स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम को समझ कर उन्हें पर्सनल गाइडेंस और साॅल्यूशन देते हैं। इस प्लेटफॉर्म पर स्टूडेंट बिना किसी हिचकिचाहट के एक्सपर्ट से किसी भी तरह का सवाल पूछ सकता है।
हमारे प्लेटफॉर्म पर एक्सपर्ट सूचीबद्ध हैं, स्टूडेंट उनकी प्रोफाइल देखकर उनके उपलब्ध स्लाॅट के मुताबिक अपना सेशन बुक कर सकते हैं। यह 30 से 40 मिनट का एक वर्चुअल सेशन होता है। इसमें कॉलेज स्टूडेंट से हम न्यूनतम 200 रुपए चार्ज करते हैं, वहीं अधिकतम फीस 600 रुपए तक है।’
ऋषभ का दावा है कि मार्केट में कोई भी कंपनी या स्टार्टअप इससे कम रेट पर एक्सपर्ट के साथ वन-टू-वन सेशन ऑर्गनाइज नहीं करती है। वे अब तक देश के कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स तक पहुंच चुके हैं। वहीं लकी कहते हैं, ‘इस स्टार्टअप के जरिए हमारा उद्देश्य है कि पर्सनल गाइडेंस हर जरूरतमंद स्टूडेंट तक पहुंचे। हमारा फोकस टियर-1 की बजाय टियर-2 और टियर-3 शहरों के स्टूडेंट्स पर है। बिजनेस तो अपनी जगह है ही लेकिन, इसके जरिए हम सोशल इम्पैक्ट भी क्रिएट करना चाहते हैं। ताकि सही गाइडेंस और मेंटरशिप ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स तक अफॉर्डेबल रेट में पहुंचे।’
35 इन्वेस्टर्स से रिजेक्शन के बाद मिली 15 लाख की फंडिंग
लकी बताते हैं, ‘इस आइडिया को लेकर हमने करीब 35 इन्वेस्टर्स से संपर्क किया था। कई इन्वेस्टर्स ने कहा कि, तुम तो कॉलेज के बच्चे हो, एक दिन का शौक है, जब शौक खत्म हो जाएगा तो भूल जाओगे। जब हमारी 36वें इन्वेस्टर के साथ मीटिंग थी तो उन्हें हमारा आइडिया बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा कि जब मैं स्टूडेंट था, तब मैंने भी इस तरह के प्लेटफॉर्म की कमी महसूस की थी। हमारे इन्वेस्टर दिल्ली से ही पढ़े हुए हैं और जॉब के चलते US में सेटल्ड हैं। हमें वहां से करीब 15 लाख रुपए की फंडिंग मिली है। इस पैसे को अपने प्रोडक्ट, मार्केट एक्सपेंशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, एम्प्लाई पर खर्च करेंगे।’
23 लोगों की टीम, इनमें 15 इंटर्न हैं, सबकी उम्र 18 से 22 साल के बीच है
ऋषभ और लकी ने एक ही कोचिंग से JEE की तैयारी की थी। लेकिन, तब वो एक-दूसरे को नहीं जानते थे। एनआईटी कुरुक्षेत्र में ऋषभ ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच और लकी ने सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच में एडमिशन लिया। इस दौरान एक कॉमन फ्रेंड के जरिए दोनों की मुलाकात हुई। दोनों फरीदाबाद से ही थे तो साथ आने-जाने लगे और दोनों में अच्छी दोस्ती हाे गई। बातचीत के दौरान पता लगा कि दोनों एक ही तरीके से सोचते हैं और दोनों को ही नौकरी की बजाय अपना बिजनेस करना था।
परिवार वालों से डिस्कस किया तो उन्होंने भी सपोर्ट किया, जिसके बाद दोनों ने कैंपस प्लेसमेंट में न बैठकर अपने स्टार्टअप को ही आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। वर्तमान में इनकी काेर टीम में 8 लोग हैं और इनके अलावा 15 इंटर्न भी हैं। इस स्टार्टअप में सबसे ज्यादा उम्र के ऋषभ और उनके एक टीम मेट हैं, दोनों 22 साल के हैं। वहीं सबसे कम उम्र का एम्प्लाॅई एक डिजाइनर है, जिसकी उम्र 18 साल है।
लकी बताते हैं कि उन्हें स्टार्टअप बेस्ड मूवी ‘अपस्टार्ट’ बहुत इंस्पायर करती है। वहीं ऋषभ को स्टार्टअप और मोटिवेशनल कहानियां पढ़ना पसंद है। उन्हें ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल की कहानी इंस्पायर करती है। इसके अलावा वो स्टार्टअप पर बेस्ड TVF की वेब सीरीज ‘पिचर्स’ से काफी प्रभावित हैं।
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