काेराेना के लिहाज से 2021 का पहला दिन राहतभरी खबर लेकर आया। देर रात आए काेराेना बुलेटिन में पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या 200 से नीचे आ गई। 183 नए पाॅजिटिव मरीज मिले। इससे पहले सबसे 17 नवंबर को 194 और 16 नवंबर को 178 नए संक्रमित निकले थे। इंदाैर में सितंबर महीना काेराेना के हिसाब से सबसे घातक रहा था। पूरे 10 महीने में सबसे ज्यादा मरीज मिलने के साथ ही डेथ रेट भी सबसे ज्यादा रही थी। 1 जनवरी की बात करें ताे डेथ रेट जहां 1.59 पर पहुंच गया है। वहीं, रिकवरी रेट बढ़कर 93.28 हाे गई है। एक्टिव मरीज भी 3 हजार से कम होकर 2835 पर पहुंचे।
3 नई मौतों के साथ आंकड़ा 880 पर पहुंचा
बुलेटिन के अनुसार देर रात आए 4395 टेस्ट में से 4204 निगेटिव मरीज मिले। 183 पॉजिटिव, 8 की रिपोर्ट रिपीट पॉजिटिव रही। तीन नई मौत के साथ अब तक 880 की मरीजों की जान जा चुकी है। जिले में अब तक 55320 संक्रमितों में से 51605 ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। अब तक जिले में 6 लाख 68 हजार 894 लोगों के सैंपलों की जांच की जा चुकी है।
लंबे समय से खाली पड़े इंदौर के काेविड केयर सेंटर बंद
इंदाैर सहित प्रदेश के सभी जिलाें में काेविड केयर सेंटर (सीसीसी) बंद कर दिए गए। सिर्फ भोपाल जिले में सीसीसी चालू रहेंगे। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि जिन मरीजाें में बीमारी के लक्षण नहीं हैं, वे घर में रहकर भी ठीक हाे सकते हैं। मार्च के बाद जब काेविड संक्रमण ने जाेर पकड़ा था, तब ए-सिम्टाेमैटिक मरीजाें के लिए सीसीसी का प्रावधान किया गया था। इसके तहत आवास और भाेजन की व्यवस्था शासन द्वारा की जाती थी, लेकिन अब इन्हें बंद किया जा रहा। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि वर्तमान में इन काेविड केयर सेंटर्स में बेड ऑक्यूपेंसी कम हाे चुकी है। इसलिए भाेपाल काे छाेड़कर अन्य सभी जिलाें में इन्हें बंद किया जाए। यदि किसी जिले में काेराेना संक्रमित मरीजाें की संख्या में वृद्धि हाेती है ताे उसके लिए विशेष अनुमति लेना हाेगी। इंदाैर की बात करें ताे यहां के काेविड केयर सेंटर लंबे समय से खाली हैं। हाल ही में यूके से लाैटे यात्री की रिपाेर्ट पाॅजीटिव आने पर परिजन को सेवाकुंज सेंटर में रखा गया था।
उधर, संक्रमण के मामले कम हुए, कोर्ट नियमित रूप से खोलने की मांग उठी
हाई कोर्ट में वर्चुअल सिस्टम से सुनवाई चल रही है। वकील इस सिस्टम में ढल रहे थे कि हाई कोर्ट परिसर में बैठकर इस सिस्टम से सुनवाई करना बंद कर दिया। वकीलों को उनके घर, दफ्तर से ही सुनवाई करना पड़ रही है। इसमें कई तरह की परेशानी आ रही है। कई उम्रदराज वकीलों के घर यह सुविधा नहीं है। अधिवक्ता आनंद अग्रवाल, अनिल ओझा सहित कई वकीलों ने कोर्ट पूरी तरह खोलने की मांग करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्यों में ज्यादा संक्रमण के मामले हैं, लेकिन वहां कोर्ट खुल चुकी है। वर्चुअल के अलावा रूबरू तरीके से भी सुनवाई चल रही है। नियमित रूप से वहां टेस्टिंग भी की जा रही है। हमारे यहां मामले कम हो गए हैं। सुरक्षा के तमाम उपाय किए जा रहे हैं, इसके बाद भी कोर्ट नहीं खोली जा रही।
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