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मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट:इंदौर में 27 महीने में 5.29 किमी ट्रैक तैयार हो जाना था, 26 माह गुजरे, पिलर डलना अब हुए शुरू

इंदौर में कॉन्ट्रैक्टर का ज्यादातर स्टाफ वापस चला गया, काम शुरू होने के बाद भी कम लोग ही फील्ड में
  • मेट्रो के 31.55 किमी के रूट में दो साल पहले साढ़े पांच किमी रूट का टेंडर और वर्कऑर्डर हुआ था

इंदौर मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की गति भोपाल से काफी पिछड़ चुकी है। इंदौर में 27 माह में 5.29 किमी ट्रैक बनना था, लेकिन 26 माह बाद भी एक पिलर तक नहीं बन सका है। एमआर-10 पर कुमेड़ी के पास अब जाकर एक पिलर के सरिये दिखने लगे हैं। मेट्रो ट्रेन के कुल 31.55 किमी के रूट में से नवंबर 2018 में 5.29 किमी रूट का टेंडर और वर्कऑर्डर हुआ था, लेकिन ठेकेदार कंपनी दिलीप बिल्डकॉन और जनरल कंसल्टेंट के विवाद और अधिकारियों की सुस्ती के कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई।

कॉन्ट्रैक्टर को कुमेड़ी से मुमताज बाग (शहीद पार्क) तक के रूट पर वाया डक्ट ये रूट तैयार करना था। यह अवधि फरवरी में पूरी हो रही है। हालांकि पिछले महीने ही सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिलीप बिल्डकॉन की 127 ड्राइंग डिजाइन को जनरल कंसल्टेंट ने अप्रूव किया है। इस वाया डक्ट में 181 से ज्यादा पिलर तैयार होने हैं। इनमें 43 पिलर के लिए पाइलिंग हो चुकी है और अब कंपनी द्वारा उन पर पाइल कैप कर पिलर खड़े करने का काम शुरू किया गया है। दो साल बाद आखिरकार मेट्रो के पहले पिलर के सरिए खड़े हो गए हैं।

भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट

इंदौर में कॉन्ट्रैक्टर का ज्यादातर स्टाफ वापस चला गया, काम शुरू होने के बाद भी कम लोग ही फील्ड में
विवाद के कारण कॉन्ट्रैक्टर का ज्यादातर स्टाफ वापस चला गया। काम शुरू होने के बाद भी बहुत ही कम लोग फील्ड में नजर आ रहे हैं। इसे देखते हुए जरूरी है कि वर्क फोर्स को बढ़ाया जाए। अफसरों का कहना है कॉन्ट्रैक्टर को एक्सटेंशन दिया जाएगा।

कंपनी-कंसल्टेंट साथ मिलकर काम करें, वर्क फोर्स बढ़ाएं तभी इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट पकड़ेगा रफ्तार

इंदौर और भोपाल में मेट्रो बनाने वाली कंपनी और जनरल कंसल्टेंट एक ही हैं, फिर भी इंदौर का काम दोनों में विवाद के कारण पिछड़ गया। अब विवाद खत्म हुआ है तो भास्कर ने भोपाल के वर्क कल्चर को लेकर पड़ताल की। अधिकारियों ने बताया भोपाल मेट्रो में जनरल कंसल्टेंट और दिलीप बिल्डकॉन के लोग साइट ऑफिस में ही एक साथ बैठकर काम करते हैं। हर साइट पर दोनों के इंजीनियर मौके पर खड़े रहकर काम करवाते हैं। इंदौर में सुपर कॉरिडोर पर दिलीप बिल्डकॉन और जनरल कंसल्टेंट का साइट ऑफिस है। यहां पर जनरल कंसल्टेंट का एक भी अधिकारी नहीं बैठता। इसे बदलते हुए काम तेजी से करना है तो तालमेल बैठाना होगा।

 

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