सोमवार को शहर में एकसाथ 32 केंद्रों पर कोविड-19 वैक्सीनेशन किया गया। वैक्सीन लगवाने के आधे घंटे बाद ही कुछ डॉक्टर ओपीडी तो कुछ सीधे ऑपरेशन थिएटर पहुंचकर इलाज में जुट गए। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीन लगवाने से इनकार किया तो उन्हें समझाइश दी गई। इसके बाद वे खुशी-खुशी वैक्सीन लगवाने को तैयार हो गए। शैल्बी हॉस्पिटल में निर्धारित सौ लोगों को टीके लगाए गए। डॉ. विवेक जोशी ने बताया, टीकाकरण को जश्न की तरह लेने के लिए हमने एक सेल्फी पॉइंट बनाया है।
ग्रेटर कैलाश अस्पताल में सौ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाया गया। दो कर्मचारियों ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें वैक्सीन नहीं लगवाना। साथियों ने समझाइश दी तो वे मान गए। सीएचएल अस्पताल में सौ लोगों को टीका लगना था लेकिन 109 लोगों को टीका लगा। डॉक्टर के अनुसार कुछ अतिरिक्त लोगों का चयन किया गया था ताकि अनुपस्थित रहने की स्थिति में लक्ष्य पूरा किया जा सके। एमआर टीबी अस्पताल में सभी को मौखिक रूप से निर्देशित किया गया कि वैक्सीन लगवाना जरूरी है। यदि किसी को नाम वापस लेना हो तो अभी ले। बाद में नाम नहीं हटाए जाएंगे।
...इधर, अस्पतालों से भी बड़ी राहत
- 50-100 बेड का ही करार गंभीर मरीजों के लिए रखेंगे अब अरबिंदो से। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया हर्ड इम्युनिटी और जागरूकता से मरीज घटे हैं।
- 46 अस्पतालों में से 22 में कोरोना का कोई मरीज नहीं
- 671 एक्टिव मरीज थे जिले में
- 125 मरीज ऑक्सीजन व जनरल बेड पर
- 85 मरीज फिलहाल आईसीयू में हैं
- 444 मरीज होम आइसोलेशन में हैं
- 17 मरीज एचडीयू बेड पर भर्ती हैं
चोइथराम : 100 फीसदी टीकाकरण हुआ
चोइथराम अस्पताल में डायरेक्टर सुरेश चांदीवाल ने वैक्सीन लगाकर शुरुआत की। यहां कुल 200 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाए गए। एक दिन पहले से सूचीबद्ध लोगों में से 70 फीसदी पहुंचे। 30 फीसदी लोग वेटिंग लिस्ट वाले अस्पताल के ही स्वास्थ्यकर्मी थे।
एमवायएच : टीका लगवाया, फिर ओपीडी में मरीज देखे
एमवायएच में न्यूरोसर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. राकेश गुप्ता सुबह ही टीकाकरण केंद्र पहुंचे। वैक्सीन लगवाने के बाद आधा घंटा इंतजार किया और उसके तुरंत बाद ओपीडी में मरीज देखने पहुंच गए। इसी तरह कुछ डॉक्टर वैक्सीन लगवाने के बाद सर्जरी करने पहुंच गए।
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