रोहतक निवासी दीपक की 2009 में एक्सीडेंट में रीढ़ की हड्डी चोटिल हो गई थी। उनके बिस्तर पर ही रहने से स्थिति ये हो गई कि उन्हें तौलकांटे पर ले जाना पड़ा। यहां उनका वजन 280 किलो नापा गया। बाद में डॉक्टरों ने शरीर के मानकों की जांच के बाद उनका वजन करीब 400 किलो निर्धारित किया।
बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. मोहित भंडारी के अनुसार, वे इस मरीज की सर्जरी के पूर्व 2018 में 410 किलो के मॉरीशस निवासी धर्मवीर की सफल सर्जरी कर चुके हैं। डॉ. भंडारी ने इनकी सर्जरी दो बिस्तरों को जोड़कर की जो अभूतपूर्व है। दिल्ली, मुंबई सहित सभी बड़े अस्पतालों ने दीपक की सर्जरी से मना कर दिया, क्योंकि इसमें जोखिम बहुत था।
अधिक वजन के कारण दीपक को हरियाणा से इंदौर लोडिंग वाहन में लेटाकर लाया गया। मोहक अस्पताल के निदेशक और मुख्य सर्जन डॉ. मोहित भंडारी ने कहा दीपक में मोटापे से जुड़ी सभी जटिलताएं थीं- जैसे टाइप-2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, स्लिप एपनिया, पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन और बेड सोर (त्वचा में छाले पड़ना)। दीपक 10 साल तक बिस्तर पर रहे। अधिक वजनी होने से उन्हें कार्डियक अरेस्ट व खून का थक्का जमने का खतरा अधिक था।
डॉ. भंडारी ने कहा 15000 से अधिक मोटापे की सर्जरी के बाद भी यह मेरे जीवन के सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों में से एक था। सर्जरी के लिए मरीज को 15 दिन लिक्विड डाइट एवं हार्ट फेलियर की दवा पर रखा गया, जिससे उनका वजन 25 से 30 किलो कम हो गया। इस तरह से उनकी सफल सर्जरी हुई।
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